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नफरती मौलाना और 7 उपद्रवी गए जेल, जहरीले बोल से कई बार की बरेली की फिजा बिगाड़ने की कोशिश

शहर की गंगा जमुनी तहजीब को सांप्रदायिक हिंसा की आग में बार बार झोंकने की कोशिश करने वाले नफरती मौलाना तौकीर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि बरेली में बवाल के मुख्य साजिश कर्ता मौलाना तौकीर समेत आठ उपद्रवियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

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एसपी सिटी ऑफिस में मौलाना की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी देते डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य

बरेली। बरेली में बवाल के बाद मौलाना तौकीर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि बरेली में बवाल के मुख्य साजिश कर्ता मौलाना तौकीर समेत आठ उपद्रवियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मौलाना पर शुक्रवार को बरेली अपने भड़काऊ बयानों से हिंसा भड़काने का आरोप है। मौलाना के उकसावे पर भी बरेली में नादान युवाओं की भीड़ सड़कों पर उमड़ने लगी थी। खलील तिराहे से लेकर इस्लामियां ग्राउंड तक अराजकता, दहशत, गुंडागर्दी, पथराव, तोड़फोड़ और भड़काऊ नारेबाजी व प्रदर्शन का माहौल बन गया था। डीआईजी अजय साहनी और एसएसपी अनुराग आर्य के नेतृत्व में जांबाज पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स ने बरेली को दंगे की आग में झुलसने से बचाया। एसएसपी ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा, सरफराज पुत्र सलीम, मनीफुद्दीन पुत्र गरीफ्द्दीन, अजीम अहमद पुत्र नसीम, मो. शरीफ पुत्र मो. अहमद, मो. आमिर पुत्र मो. जाहिद, रेहान पुत्र राजू, मो. सरफराज पुत्र मो. शमीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसके अलावा करीब 36 उपद्रवियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। वीडियो फुटेज के आधार पर उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।

फाइक इंक्लेव में आईएमसी नेता दोस्त के घर ठहरा था मौलाना

अपने जहरीले बोल से बरेली की शांति व्यवस्था को आग लगाने वाले मौलाना तौकीर शुक्रवार शाम को ही बरेली पुलिस के शिकंजे में आ गये थे। पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से मौलाना तौकीर गुरुवार को ही फाइक इंक्लेव में अपनी पार्टी के नेता और दोस्त फरत के घर पहुंच गये थे। इधर उन्होंने अपने समर्थकों से कहलवा दिया कि मौलाना दिल्ली निकल गये हैं। हालांकि पुलिस ने फाइक इंक्लेव में फरत के घर ही मौलाना तौकीर को हाउस अरेस्ट कर लिया था। बाद में देर रात एसपी ट्रैफिक अकमल खान के नेतृत्व में पुलिस टीम मौलाना को गिरफ्तार कर एक सुरक्षित स्थान पर ले गई। जहां से शनिवार सुबह मौलाना तौकीर को इंस्पेक्टर कोतवाली अमित पांडेय, एसओजी टीमों, एसपी ट्रैफिक और सीओ के साथ कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट से कड़े सुरक्षा घेरे में मौलाना को जेल भेज दिया गया।

…और बरेली पुलिस ने पूरी कर दी मौलाना के जेल जाने की ख्वाहिश

एनआरसी से लेकर जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के विरोध से लेकर मौलाना तौकीर रजा बरेली में कई बार गिरफ्तारी का ऐलान कर चुके थे। हर बार वह इस्लामियां ग्राउंड आते, गला फाड़फाड़कर भड़काऊ और जहरीले भाषण देते। फिक्स मैच पर बल्लेबाजी करने के माहिर मौलाना की शतरंज के सारे पासे इस बार उल्टे पड़ गये। मौलाना ने आई लव मोहम्मद के नाम पर बरेली के लोगों को फिर बरगलाया, कई दिन से वह माहौल बना रहे थे। बार बार वीडियो जारी कर अपने मंसूबे जाहिर कर रहे थे। आखिरकार शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मौलाना ने बवाल करवा ही दिया। बवाल, फायरिंग, तोड़फोड़, पथराव और लाठीचार्ज से भी मौलाना का दिल नहीं भरा। उन्होंने शुक्रवार रात 10.30 एक अन्य वीडियो वायरल कर उपद्रवियों को मुबारकबाद दी। उन्होंने खवाहिश की कि मुझे गोली मार दो, गिरफ्तार कर जेल भेज दो, रसूल के नाम पर सब कबूल है। उनकी ये फरियाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुन ली, इसके बाद पुलिस अधिकारी एक्टिव हो गये। एडीजी जोन रमित शर्मा, कमिश्नर भूपेंद्र एस चौधरी, डीआईजी अजय साहनी, डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने मौलाना की ख्वाहिश पूरी कर दी। मौलाना तौकीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिय गया है।

दंगों से दागदार है मौलाना का दामन, बन चुका नफरत का सौदागर

तौकीर रजा बरेली में नफरत का सौदागर बन चुका है। 2010 के दंगों में उसका दामन दागदार हो चुका है। मासूम बेगुनाह नौजवानों को धर्म के नाम पर बरगलाकर उनसे विरोध प्रदर्शन करवाना, अराजकता, दहशत और सांप्रदायिक हिंसा फैलाना मौलाना का पेशा बन चुका है। बरेली में अरुण शौरी के लेख के विरोध में पहलवान साहब की दरगाह पर हुए बवाल से लेकर, 2010 का दंगा, कफ्र्यू, एनआरसी, धारा 370 का विरोध, डेढ़ साल पहले अतीक अहमद के एनकाउंटर और सलमान की गिरफ्तारी के खिलाफ हुए प्रदर्शन तक—हर बार भीड़ उसके बुलावे पर ही सड़क पर उतरी। शुक्रवार को भी वही हुआ। पुलिस की रोक के बावजूद भीड़ नौमहला पहुंचने पर अड़ी रही और जब रोका गया तो हालात बिगड़ गए। सरकार के खिलाफ बदजुबानी और भड़काऊ भाषण मौलाना की फितरत में शामिल है। इसी की आड़ में मौलाना अपनी सियासी दुकान चला रहा था।

2010 के दंगों से अब तक थानों में मुकदमों की बौछार

कोतवाली, बारादरी, प्रेमनगर और किला थानों में तौकीर रजा समेत सैकड़ों नामजद और अज्ञात लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए। अकेले बारादरी थाने में दो केसों में 40 नामजद और 400 से ज्यादा अज्ञात आरोपी बनाए गए। पुलिस अब इन मामलों में गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई भी जोड़ने की तैयारी कर रही है। मौलाना का विवादों से नाता पुराना है। 2010 के दंगों में अदालत ने उन्हें मास्टरमाइंड बताया था। तब उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट और कुर्की तक की कार्रवाई हुई। कई बार भूमिगत रहे, मोबाइल तक बंद कर छुपते रहे। कोर्ट ने पुलिस को फटकार भी लगाई थी। हाल ही में इसी मामले में समन और कुर्की की कार्रवाई भी हो चुकी है।

मौलाना के बार बार भड़काऊ बयानों पर रहा कोर्ट का कड़ा रुख

पिछले साल मार्च में बरेली के जज रवि दिवाकर की कोर्ट ने मौलाना को आरोपी मानते हुए पेश होने का आदेश दिया था। वह हाजिर नहीं हुए तो गिरफ्तारी वारंट और कुर्की तक की नौबत आई। उनके करीबियों को जेल भेजा गया। बरेली और भोजीपुरा में उनके घरों पर कुर्की का नोटिस तक चस्पा हुआ। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और मामला जिला जज की कोर्ट में स्थानांतरित हो गया। मौलाना तौकीर को 2010 में जमानत भी इसी शर्त पर मिली थी कि वह माहौल बिगाड़ने वाले भड़काऊ भाषण और बयान नहीं देंगे, लेकिन मौलाना ने कभी भी अदालत के ऐसे किसी आदेश का पालन नहीं किया। डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने साफ कर दिया है कि दबाव की राजनीति नहीं चलेगी। बरेली में हिंसा की साजिश रचने और उसकी पटकथा तैयार करने वाले तौकीर रजा और उनके साथी जेल तो जायेंगे ही नजीर बनने लायक कार्रवाई होगी। एनएसए समेत गैंगस्टर लगाई जायेगी। शहर के अमन चैन और सुख शांति को आग लगाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसपी सिटी मानुष पारीक, सीओ आशुतोष शिवम समेत अधिकारी उपस्थित थे।