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दोस्ती के जाल में फंसा फार्मासिस्ट… ब्रेनवॉश कर कराया धर्म परिवर्तन, फिर मुंबई ले जाकर खुलवाए 14 बैंक खाते, अब हुआ ये

विशारतगंज क्षेत्र में धर्म परिवर्तन और साइबर फ्रॉड का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वार्ड नंबर 7 निवासी फार्मासिस्ट अम्बरीष गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि मेडिकल शॉप पर आने वाले एक युवक ने दोस्ती के नाम पर उसे अपने जाल में फंसाया, फिर धीरे-धीरे ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन कराया।

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बरेली। विशारतगंज क्षेत्र में धर्म परिवर्तन और साइबर फ्रॉड का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वार्ड नंबर 7 निवासी फार्मासिस्ट अम्बरीष गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि मेडिकल शॉप पर आने वाले एक युवक ने दोस्ती के नाम पर उसे अपने जाल में फंसाया, फिर धीरे-धीरे ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन कराया। इतना ही नहीं, उसे मुंबई ले जाकर उसके नाम पर 14 बैंक खाते खुलवाए गए और साइबर फ्रॉड में फंसा दिया गया। पीड़ित अब एसएसपी अनुराग आर्य से न्याय की गुहार लगाई है।

अम्बरीष ने बताया कि 2023 में उन्होंने शहबाजपुर में मेडिकल स्टोर किराए पर लिया था। दुकान के मकान मालिक का भतीजा समीर पुत्र नसीर अहमद अक्सर दुकान पर आने लगा। बातचीत बढ़ने के बाद समीर और उसके घरवाले हिंदू धर्म के खिलाफ बातें करते और इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करते थे।

मस्जिद ले जाकर पढ़वाया कलमा, नया नाम रखा रजा

अम्बरीष के मुताबिक 4-5 महीने बाद समीर उसे मस्जिद ले जाने लगा। वहां मौलाना ने उससे कलमा पढ़वाया ला इलाहा इल्लल्लाह, मोहम्मदुर रसूलल्लाह। इसके बाद उसका नाम बदलकर रजा रख दिया गया। वह जुम्मा की नमाज तक पढ़ने लगा। पीड़ित ने बताया कि समीर का परिवार हर गुरुवार नियाज़ लाकर खिलाता और धीरे-धीरे उसका माइंड वॉश करता रहा। कुछ महीनों में वह उनके प्रभाव में इतना आ गया कि पूजा-पाठ तक छोड़ दिया।

मुंबई ले जाकर खोलवाए 14 बैंक खाते, साइबर फ्रॉड में फंसाया

पीड़ित ने बताया कि धर्म परिवर्तन के बाद उसे समीर के दोस्त साहिल से मिलवाया गया और कहा गया कि मुंबई में ऑनलाइन बिजनेस से मोटी कमाई होगी। इसके बाद गैंग उसे मुंबई ले गया। वहां आसिफ खान और अनस कुरैशी ने उसके नाम पर 14 बैंक खाते खुलवाए और खुद एक्सेस अपने पास रख ली। इन्हीं खातों से साइबर फ्रॉड होने पर जुलाई में पश्चिम बंगाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वह तीन महीने जेल में रहा और बाद में जमानत पर छूटा।

एसएसपी ने लिया संज्ञान, दो आरोपी गिरफ्तार, पुलिस पर लीपापोती का आरोप

बरेली लौटने पर उसने एसएसपी को शिकायत दी। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने समीर और इमरान (महक कम्यूनिकेशन संचालक) को गिरफ्तार किया। लेकिन पीड़ित का आरोप है कि केस विशारतगंज थाने पहुंचने पर कुछ पुलिसकर्मियों ने आरोपियों से पैसे लेकर मामले को हल्का करने की कोशिश की। अम्बरीष का कहना है कि आरोपियों ने उसे शादी कराने और ज्यादा कमाई का लालच देकर इस्लाम अपनाने को मजबूर किया। बाद में उसे गौमांस भी खिलाया गया, जिसकी भनक परिवार को नहीं लगी।

पूरे गिरोह पर ब्रेनवॉश कर अवैध काम कराने का आरोप

पीड़ित ने दावा किया कि यह एक संगठित गिरोह है, जो लोगों को मानसिक रूप से प्रभावित कर धर्म परिवर्तन कराता है और फिर साइबर अपराधों में मोहरा बनाता है। अम्बरीष ने कहा कि वह अब अपने मूल धर्म में लौट आया है और चाहता है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए।


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