
बरेली। राजश्री मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग एडमिशन प्रक्रिया मंगलवार को भी भारी विरोध का केंद्र बनी रही। कॉलेज के खिलाफ आक्रोशित बीएससी नर्सिंग छात्रों ने दूसरे दिन भी जोरदार धरना जारी रखा। छात्रों का सीधा आरोप है कि धरना खत्म करवाने के लिए कॉलेज प्रशासन ने पुलिस की मिलीभगत से टैंकरों से पानी फिंकवाया। हालत ये रही कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाकर कॉलेज परिसर में धकेल दिया, लेकिन विरोध थमा नहीं। छात्रों के नारे दिनभर गूंजते रहे।
छात्रों का कहना है कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) की स्वीकृति न होते हुए भी कॉलेज ने बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष में सौ एडमिशन ले लिए। प्रति छात्र लगभग डेढ़ लाख रुपये की फीस वसूली गई, जो कुल मिलाकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बैठती है। छात्रों का आरोप है जिन्हें भविष्य देना था, उन्हीं ने उसे जकड़ दिया।
सोमवार सुबह नौ बजे गुस्साए छात्र–छात्राओं ने कॉलेज के मेन गेट पर ताला जड़ दिया और यहीं मोर्चेबंदी शुरू कर दी। शाम तक नारेबाजी, आरोप-प्रत्यारोप, हंगामे का सिलसिला चलता रहा। छात्रों का कहना है कि एडमिशन के वक्त कहा गया कि मान्यता है, लेकिन चार महीने बाद असलियत सामने आई, स्वीकृति तो अभी तक फाइलों में लटकी हुई है।
आक्रोशित छात्रों ने चेतावनी दी 31 दिसंबर तक मान्यता नहीं मिली तो हमारी फीस, सर्टिफिकेट, सभी डॉक्यूमेंट लौटा दो। छात्रों का तर्क है कि यदि स्वीकृति नहीं मिली तो उनका पूरा सत्र बर्बाद हो जाएगा। रात आठ बजे तहसीलदार मीरगंज आशीष कुमार मौके पर पहुंचे और छात्रों से बात की। उन्होंने दावा किया कि कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक 31 दिसंबर तक स्वीकृति मिल जाएगी।
नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य गौरव प्रताप सिंह राठौर ने कहा छात्रों को किसी ने गलत सूचना दी है। प्रक्रिया अंतिम चरण में है और 31 दिसंबर तक मंजूरी मिल जाएगी। छात्रों ने कहा कि कॉलेज ने जानबूझकर अंधेरे में रखकर एडमिशन लिया। मान्यता नहीं, लेकिन फीस पूरी, इस मुद्दे पर कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और प्रदर्शनकारियों ने कहा हम सिर्फ शिक्षा नहीं, न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।
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Published on:
09 Dec 2025 06:12 pm
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