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राखी के धागों ने मिटाई सलाखों की दूरी, जेल में बंद भाइयों की कलाई पर बहनों ने बांधी रक्षा की डोर

रक्षाबंधन के दिन शनिवार को शहर में भाई-बहन के रिश्ते की गर्माहट हर तरफ नजर आई। बस अड्डे से लेकर रेलवे स्टेशन तक लोगों का सैलाब उमड़ा हुआ था। इस भीड़ में एक भावुक नजारा केंद्रीय कारागार-2 के बाहर भी देखने को मिला, जहां सुबह से ही बहनें अपने बंदी भाइयों को राखी बांधने पहुंचने लगीं।

जेल में बंद भाईयों को राखी बांधतीं बहनें (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। रक्षाबंधन के दिन शनिवार को शहर में भाई-बहन के रिश्ते की गर्माहट हर तरफ नजर आई। बस अड्डे से लेकर रेलवे स्टेशन तक लोगों का सैलाब उमड़ा हुआ था। इस भीड़ में एक भावुक नजारा केंद्रीय कारागार-2 के बाहर भी देखने को मिला, जहां सुबह से ही बहनें अपने बंदी भाइयों को राखी बांधने पहुंचने लगीं।

जेल प्रशासन ने इस मौके पर खास इंतज़ाम किए थे। बाहर टेंट और छाया की व्यवस्था, बैठने की कुर्सियां, ठंडा पीने का पानी और मेडिकल टीम पूरी तरह तैयार थी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा खुद व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे थे। बहनों की सुरक्षा जांच के बाद उन्हें अंदर भेजा जा रहा था, जहां सलाखों के उस पार बैठे भाई बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे।

जैसे ही राखी का धागा भाइयों की कलाई पर बंधा, आंखें नम हो गईं। किसी ने भाई की लंबी उम्र की दुआ मांगी तो किसी ने अगली राखी अपने घर में बांधने की ख्वाहिश जताई। त्योहार ने जेल की सख्त दीवारों में भी रिश्तों की मिठास घोल दी।