Rajasthan Pulses Production : बाड़मेर. केंद्र सरकार आगामी छह साल से दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर कार्य कर रही है और इधर राजस्थान दलहन उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में है। राजस्थान दलहन आत्मनिर्भरता में तो अपनी दाल पका चुका है, लेकिन स्टार्टअप में कदम आगे बढ़ाने की दरकार है। गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के दलहन आधारित उद्योग मार्केट में राजस्थान की मूंग, मोठ और मसूर ज्यादा पहुंच रही है।
भारत में विश्व का 25 प्रतिशत दलहन उत्पादन होता है। इसमें मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बाद में राजस्थान उत्पादन में तीसरे नंबर पर है। दलहन की मांग भी देश के बाजार में खाद्यान्न में करीब 20 प्रतिशत तक है। इधर, केंद्रीय बजट 2025-26 में दलहनों में देश को आत्मनिर्भर बनाने के तहत तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। केंद्र ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए छह साल का मिशन शुरू करने की योजना बनाई है।
केंद्रीय एजेंसियां (नेफेड और एनसीसीएफ) इन तीन दालों की खरीद करेगी। आगामी चार वर्षों के दौरान इन एजेंसियों के साथ पंजीकरण करने वाले और समझौते करने वाले किसानों के साथ काम करेंगी।
चना और मसूर रबी में उत्पादित होती है। मूंग, मोठ, अरहद और चवला मुख्य दालें हैं। पश्चिमी राजस्थान और कोटा में मसूर की खेती बड़ी मात्रा में होती है। पूरे राज्य में करीब 38 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती होती है, जिससे यह क्षेत्र दलहन उत्पादन में अग्रणी है। उड़द की खेती 5.5 लाख हेक्टेयर में की जाती है, विशेषकर सवाईमाधोपुर में जहां इसकी खेती 40,000 हेक्टेयर में की जाती है। पश्चिमी राजस्थान में मूंग, मोठ बड़ी मात्रा में उत्पादित हो रहा है।
मध्यप्रदेश 54.09
महाराष्ट्र 50.35
राजस्थान 38.75
उत्तरप्रदेश 23.32
गुजरात 19.36
कर्नाटक 18.88
झारखण्ड 9.68
आंध्रप्रदेश 9.59
छत्तीसगढ़ 4.51
पश्चिम बंगाल 4.25
बिहार 4.1
तेलंगाना 3.83
तमिलनाडु 3.70
उड़ीसा 3.02
असम 1.27
हरियाणा 0.78
पंजाब 0.64
उत्तराखण्ड 0.48
हिमाचल प्रदेश 0.45
अन्य 1.42
कुल 252.38
जलवायु पर कार्य
अच्छे बीज
समर्थन मूल्य
स्टार्टअप को प्रोत्साहन
आयात-निर्यात नीति किसान अनुकूल।
दालों को लेकर भी महाराष्ट्र और गुजरात में कारखाने और दाल से बनने वाले उत्पादों का बड़ा मार्केट है। राजस्थान से दालें वहां पहुंच रही हैं। राजस्थान में दालों का उत्पादन विशेषकर मूंग-मोठ पश्चिमी राजस्थान में बड़ा केन्द्र होने के बावजूद दलहन आधारित उद्योग कम हैं।
Published on:
02 Sept 2025 12:50 pm