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तीस साल पहले बीपीएड करने निकला युवक हो गया था लापता, दोनों बहनें आज भी कर रही हैं भाई के लौटने का इंतजार

हर साल रक्षा बंधन पर अपने भाई के लौटने की प्रार्थना करती हैं दोनों बहनें। भाई की बेटी को राखी बांधकर मांगती है सलामती की दुआ।

राखी पर अपने गुमशुदा भाई की तस्वीर देख आंखों से आंसू आ जाते हैं बहन के।

चौहटन (बाड़मेर). पूरा देश शनिवार को भाई-बहन के स्नेह और प्रेम के अटूट बंधन का प्रतीक रक्षा बंधन पर्व हर्ष और उल्लास से मना रहा है। इस दिन हर बहन को अपने भाई का बेसब्री इंतजार रहता है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। लेकिन बाड़मेर जिले के चौहटन कस्बे नेहरों की नाडी पंचायत के हरपूनियावाला गांव की दो बहनें बीते तीस साल से अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने का इंतजार कर रही हैं। यूं तो ये दोनों बहनें हर दिन अपने भाई को याद करती हैं, लेकिन राखी पर उनकी आंखाें से आंसू बहने लगते हैं।

दो बहनों गंगा और हरखू का छोटा भाई करनाराम पुत्र नानगाराम जाट बीते तीस सालों से लापता है। वह 1995 को शारीरिक शिक्षक बनने के लिए बीपीएड की ट्रेनिंग करने घर से निकला था, जो तीस साल बाद भी नहीं लौटा है। उसके बाद से करनाराम की दोनों बहनें राखी के पर्व पर उसकी इकलौती बेटी राजों को राखी बांधकर भाई के प्रति अपना फर्ज अदा कर रही हैं।

1995 को गया था नागपुर
1995 को महज 22 साल की उम्र में शारीरिक शिक्षक बनने का ख्वाब लिए वह नागपुर, महाराष्ट्र में बीपीएड करने के लिए निकला था। तब उसके दो साल की इकलौती बेटी थी। करनाराम के दो अन्य भाइयों ने अपने भाई की बेटी के हाथ पीले कर ससुराल तो भेज दिया, लेकिन उसे भी अपने पिता का प्यार और साया नसीब नहीं हो सका। दोनों बहनें बताती हैं कि हम भाई-बहनों में सबसे छोटा एवं पढ़ाई में होशियार होने के कारण सरकारी नौकरी की आस में वह ट्रेनिंग करने गया था। हम विगत तीस वर्षों से भाई की घर वापसी का इंतजार कर रही हैं। हम अपनी भतीजी राजो को भाई के नाम की राखी बांधकर उसकी वापसी के लिए दिल को दिलासा दे देती हैं।

रिपोर्ट दर्ज कराई, पर पता नहीं चला
करनाराम के बारे में दस पन्द्रह दिनों तक परिजनों को उसकी खबर नहीं मिली। तब उन्होंने पूछताछ शुरू की। पहचान वालों और उसके कई साथियों से जानकारी लेने पर उसके बारे में पता नहीं लगा। उसके भाई हीराराम ने चौहटन पुलिस थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस और परिजनों द्वारा कई महीनों तक उसकी छानबीन करने के बावजूद आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।