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अरबों रुपए का खजाना…रोज कौन लूट रहा अवैध खनन कर

सिवाना रिंग कॉम्पलैक्स(सिवाना की पहाडिय़ों) में १ लाख ११ हजार ८४५ टन दुर्लभ खनिज(रेअर अर्थ) के खजाने उपलब्धता ने इन पहाडिय़ों को देश की रेअर अर्थ व परमाणु ताकत बनने की कुव्वत का संकेत दिया है।

बाड़मेर.
सिवाना रिंग कॉम्पलैक्स(सिवाना की पहाडिय़ों) में १ लाख ११ हजार ८४५ टन दुर्लभ खनिज(रेअर अर्थ) के खजाने उपलब्धता ने इन पहाडिय़ों को देश की रेअर अर्थ व परमाणु ताकत बनने की कुव्वत का संकेत दिया है। इधर, इन्हीं पहाडिय़ों में ग्रेनाइट के खनन पट्टों की आड़ में हो रहा बेहिसाब अवैध खनन इस बहुमूल्य खजाने को खत्म कर रहा है। सिवाना से लेकर जालौर तक पहाडिय़ों अरावली हिल्स श्रृंखला की इन पहाडिय़ों पर संकट के बादल मंडराए हुए है।
अरावली हिल्स की यह पहाडिय़ा समदड़ी, सिवाना, मोकलसर होते हुए जालौर तक है। इन पहाडिय़ों से गे्रनाइट के भण्डार है। जिनकी वैध लीज जालौर खनिज अभियंता के अधिनस्थ है। असल में माइक्रो गे्रनाइट के भीतर ही रेअर अर्थ निकलता है। ऐसे में इन पहाडिय़ों में इतना बड़ा भण्डार मिलने के बाद इसको हल्के से नहीं लिया जा सकता है कि यह पूरा पहाड़ी इलाका गे्रनाइट के मामूली मूल्य की बजाय बेशकीमत रेअर अर्थ का है।
यहां हो रहा है अवैध-वैध दोनों खनन
सिवाना, फूलन, राखी, दांताल, कुंडल, धीरा, मोकलसर, कालूड़ी से लेकर पूरे इलाके में यह श्रृंखला गुजरती है। जालौर तक पहाड़ों के इस क्षेत्र में वैध खनन पट्टे दिए गए है। इधर इन वैध पट्टों की आड़ में निश्चित क्षेत्र को छोडक़र आसपास बेहिसाब खनन कर रहे है। ग्रेनाइट का पत्थर यहां से जालौर जा रहा है।
खजाना इतना बड़ा..समझ नहीं रहे मोल
मेलेनियम, रूबीडियम, इप्रीयम, थोरियम,यूरेनियम, जमेनिनयम, सीरियम, टिलूरियन, सहित १७ प्रकार के खनिज इस खजाने में शामिल है। ९००० खरब का यह खजाना लगभग प्रारंभिक खोज में माना गया है। इसकी अभी जी-४ व जी-३ लेवल का कार्य हुआ है। पूरे इलाके में यह खजाना मिलता है तो भारत को आने वाले कई सालों तक रेअर अर्थ में आत्मनिर्भरता मिलेगी।
यह है उपयोग
सुपर कंडक्टर, हाई प्लग्स, मैग्रेट, इलेक्ट्रिक पॉलिसिंग, ऑयल, रिफाइनरी में केटिलिस्ट, हाईब्रिड कलर कंपोनेंट एवं बैटरी, लैजर, एरोस्पेस में इनका उपयोग है।


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