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बेगूसराय बनेगा बिहार का टेक्सटाइल हब, 100 करोड़ से खुली नई गारमेंट फैक्ट्री, 800 से ज्यादा लोगों को रोजगार

बेगूसराय में आदित्य बिड़ला समूह की 100 करोड़ रुपये की लागत से खुली नई गारमेंट फैक्ट्री से 800 से ज़्यादा लोगों को रोज़गार मिलेगा, जिसमें 90% महिलाएँ होंगी। यह फैक्ट्री बिहार को टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और राज्य के आर्थिक विकास को गति देगी।

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बिहार के बेगूसराय में एक बड़ी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। आदित्य बिड़ला ग्रुप ने 100 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक गारमेंट फैक्ट्री का उद्घाटन किया है। यह फैक्ट्री न केवल बिहार में उद्योग का विस्तार करेगी, बल्कि राज्य को कपड़ा उत्पादन के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। उत्तर-पूर्व भारत की यह पहली बड़ी गारमेंट यूनिट है, जो बेगूसराय से असम, बंगाल और अन्य राज्यों तक उत्पाद सप्लाई करेगी। इस प्रोजेक्ट से बिहार की आर्थिक तस्वीर बदलने की पूरी संभावना है।

90 प्रतिशत कर्मचारी होंगी महिलायें

इस फैक्ट्री की सबसे बड़ी खासियत महिलाओं को रोजगार देना है। इसमें लगभग 90% नौकरियां महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का बड़ा अवसर मिलेगा। सिलाई, पैकिंग, गुणवत्ता जांच, डिजाइनिंग जैसी विभिन्न भूमिकाओं में महिलाएं योगदान करेंगी। यह पहल न केवल रोजगार देगी बल्कि परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी मददगार साबित होगी। महिलाओं के लिए यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

800 से अधिक लोगों को रोजगार

इस परियोजना से सीधे तौर पर 750 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि 100 से 125 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा एनआईएफटी पटना के साथ साझेदारी कर स्थानीय युवाओं को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे उन्हें रोजगार योग्य बनाया जाएगा और आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक हुनर मिल सकेगा। युवाओं के लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वे रोजगार के साथ-साथ अपने करियर को भी नई दिशा दें।

बिहार के आर्थिक विकास का बनेगी आधार

केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने उद्घाटन के दौरान कहा था कि यह फैक्ट्री बेगूसराय को एक टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करेगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार अब केवल उपभोक्ता नहीं रहेगा, बल्कि उत्पादन, निर्यात और औद्योगिक विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह फैक्ट्री बिहार के आर्थिक विकास का नया आधार बनेगी।

स्थानीय लोगों को होगा बड़ा लाभ

यह पहल बिहार की अर्थव्यवस्था को नया जीवन देने वाली है। पहले जहां राज्य को बाहरी राज्यों से कपड़े मंगाने पड़ते थे, वहीं अब यहां निर्माण होगा। इससे न केवल उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, परिवहन, सेवाओं और छोटे उद्योगों को भी लाभ मिलेगा। किसानों, छोटे व्यापारियों और सेवा क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी इस प्रोजेक्ट से मदद मिलेगी। छोटे व्यापारियों को सेवा क्षेत्र में विस्तार का मौका मिलेगा। महिलाओं की भागीदारी से समाज में सामाजिक बदलाव आएगा और परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। यह प्रोजेक्ट बिहार को आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ने का रास्ता दिखा रहा है।