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अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश, 9 करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी के मामले में तीन गिरफ्तार

MP news: मध्य प्रदेश के बैतूल का मामला, जिले में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी का खुलासा, मृतक के खाते को भी बनाया हथियार, पुलिस ने तीन को किया गिरफ्तार...

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biggest cyber fraud exposed mp police arrested three accused

biggest cyber fraud exposed mp police arrested three accused (फोटो: पत्रिका)

MP News Biggest Cyber Fraud Exposed: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में अब तक की सबसे बड़ी करीब 9 करोड़ 84 लाख रुपए की साइबर ठगी का खुलासा हुआ है। एमपी पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए तीन आरोपियों राजा उर्फ आयुष चौहान निवासी खेड़ीसावलीगढ़, अंकित राजपूत निवासी इंदौर, नरेंद्र सिंह राजपूत निवासी इंदौर को गिरफ्तार किया है।

शिकायत से खुला पूरा मामला

खेड़ी सावलीगढ़ निवासी मजदूर बिसराम इवने (40) ने कलेक्टर और SP कार्यालय में आवेदन देकर बताया कि उसके जन-धन खाते में करीब 2 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन दिख रहे हैं। बैंक में KYC कराने पहुंचा तो यह जानकारी सामने आई। जांच में पता चला कि जून 2025 से उसके खाते से 1.5 करोड़ रुपए का अवैध ट्रांजिक्शन किया गया था।

7 खातों से 9.84 करोड़ की हेराफेरी

एमपी पुलिस ने जब मामले की जांच की तो एक ही बैंक के 7 खातों बिसराम, नर्मदा, मुकेश, नितेश, अमोल, चंदन और मृतक राजेश बर्डे को निशाना बनाकर गिरोह ने 98,495,212 रुपए का फर्जीवाड़ा किया। चौंकाने वाली बड़ी बात यह है कि मृतक राजेश बर्डे के खाते का भी सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया गया। गिरोह ने मृतक के खाते में मोबाइल नंबर बदलकर नया ATM कार्ड जारी कराया, इंटरनेट बैंकिंग एक्टिव की और OTP पर कब्जा जमाकर करोड़ों रुपए उड़ाए।

बैंक कर्मचारी की मिलीभगत

जांच में यह भी सामने आया है कि बैंक में पासबुक एंट्री का काम देखने वाला एक निजी व्यक्ति ही गिरोह को गोपनीय जानकारी देता था। इसी की मदद से खातों में फर्जी मोबाइल नंबर लिंक, ATM कार्ड जारी कर पासबुक/चेकबुक का दुरुपयोग और ग्राहक दस्तावेजों से छेड़छाड़ जैसे कार्यों को अंजाम दिया।

'किट ट्रांसफर' के जरिए इंदौर में होती थी ठगी

हर खाते की एक 'किट' सिम, ATM, पासबुक, चेकबुक बस द्वारा इंदौर भेजी जाती थी, जहां बैठा गिरोह बड़े लेन-देन को अंजाम देता था।