
दुर्ग के देवेश साहू ने हासिल किया फर्स्ट रैंक ( Photo - Patrika )
CGPSC Result 2024: सही दिशा में की गई मेहनत किस तरह सफलता दिलाती है, इसका सशक्त उदाहरण हैं दुर्ग के देवेश साहू। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) द्वारा गुरुवार देर रात जारी परिणाम में देवेश ने रैंक-1 हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया। अब वे डिप्टी कलेक्टर बनेंगे। ( CG News ) दुर्ग जिले से तीन परीक्षार्थियों ने सूची में जगह बनाई भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी यशवंत देवांगन को रैंक-3 तथा दुर्ग की मोनिका साहू को रैंक-15 मिली है।
दे वेश साहू, जो एक रिटायर्ड इलेक्ट्रिशियन होलदर प्रसाद साहू के बेटे हैं, ने पीएससी की तैयारी में इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को प्रमुख हथियार बनाया। उन्होंने बताया कि करंट अफेयर्स से लेकर समाजशास्त्र और दर्शनशास्त्र तक अधिकांश नोट्स एआई की मदद से तैयार किए। उन्होंने कभी इंस्टाग्राम या फेसबुक का उपयोग नहीं किया। भिलाई सीनियर सेकंडरी सेक्टर-10 से स्कूलिंग और जीईसी जगदलपुर से इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने पूरी तैयारी घर पर ही की। यह उनका तीसरा इंटरव्यू था। 2019 में उन्हें 219 रैंक, 2023 में 179 रैंक मिली थी, लेकिन पद कम होने के कारण चयन नहीं हो पाया था।
देवेश कहते हैं - जब इतनी मेहनत करनी ही है, तो फिर रैंक-1 के लिए करनी चाहिए। इंटरव्यू 22 मिनट चला। शराबबंदी, गरीबी और किसानों पर ट्रिकी सवाल पूछे गए। मैं सिंपल फार्मल में गया था, जबकि बाकी उम्मीदवार टाई-सूट में थे। पैनल ने इसे पॉजिटिव लिया।
पढ़ाई को संघर्ष नहीं, ड्यूटी समझें। रोज कम से कम 8 घंटे पढ़ाई करें। सोशल मीडिया से दूरी रखें, एकाग्रता बढ़ेगी।
भिलाई इस्पात संयंत्र के इलेक्ट्रिकल रिपेयर शॉप में इंजीनियरिंग एसोसिएट पद पर कार्यरत यशवंत देवांगन का चयन रैंक-3 पर हुआ है। 2013 में बीएसपी में नौकरी लगने के बाद उन्होंने तय किया कि सुरक्षित नौकरी मिल चुकी है, अब बड़े लक्ष्य की तैयारी की जा सकती है। यह उनका छठा अटेंप्ट और दूसरा इंटरव्यू था। 2022 में 164 रैंक मिलने के कारण चयन नहीं हुआ था। अब डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद परिवार में सरकारी सेवा का महत्व और बढ़ेगा।
कभी न रुकें, न थकें, मेहनत सही दिशा में होनी चाहिए। अपने आसपास ऐसे लोग रखें, जो आपको हमेशा प्रेरित करें।
2023 में पीएससी में रैंक-14 पाकर मोनिका को क्लास-2 पद मिला था, लेकिन उन्होंने इस बार इंटरव्यू में केवल डिप्टी कलेक्टर को ही प्रीफरेंस में रखा। इस वर्ष डिप्टी कलेक्टर की सिर्फ 7 सीटें होने के कारण रैंक-15 मिलने के बाद भी उन्हें यह पद नहीं मिला। वर्तमान में वे पहले से ही शासकीय सेवक हैं और इस प्रयास को उन्होंने ‘रैंक सुधार’ माना है।
जब तक मौके हैं, मैं परीक्षा देती रहूंगी। डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना जरूर पूरा होगा।
Updated on:
22 Nov 2025 12:44 pm
Published on:
22 Nov 2025 12:39 pm
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