
Crime news (File Image)
CG Crime: सिर्फ दो हजार रुपए की पुरानी उधारी ने एक परिवार की खुशियां छीन ली। अंडा ग्राम में मंगलवार रात शीतला तालाब के पास हुए विवाद ने इतना भयानक रूप ले लिया कि एक युवक की मौत हो गई, जबकि उसे बचाने पहुंचे उसकी मां और भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरतार कर लिया है।
पाटन एसडीओपी अनूप लकड़ा ने बताया कि ओमकारेश्वर सिन्हा (अंडा निवासी) गांव के अटल चौक पर पान ठेला चलाता था। ११ नवबर को वह दुकान बंद कर घर लौटा ही था कि उसके परिचित लिकेश साहू ने फोन कर बताया कि शीतला तालाब के पास उसका झगड़ा चल रहा है। ओमकारेश्वर का भाई नागेश्वर सिन्हा और मां लक्ष्मी सिन्हा तत्काल वहां पहुंचे। मौके पर देखा कि अजीत धीवर, उसका भाई चेतन धीवर और भांजा नमेश धीवर डंडों से ओमकारेश्वर पर ताबड़तोड़ हमला कर रहे थे। नागेश्वर और उनकी मां ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो उन पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया।
पुलिस जांच में सामने आया है कि ओमकारेश्वर ने कुछ महीने पहले अजीत धीवर से दो हजार रुपए का सामान उधार लिया था, जिसे वह लौटा नहीं पाया था। इसी को लेकर अजीत ने उसे मोबाइल पर मैसेज भेजा कि इस जनम में लौटाएगा या नहीं? इस संदेश से नाराज होकर ओमकारेश्वर उनसे मिलने चला गया, जहां मामूली बहस मारपीट में बदल गई। अजीत ने डंडे से सिर और सीने पर वार किए, जबकि चेतन और नमेश ने लात-घूंसों से हमला किया। गंभीर रूप से घायल ओमकारेश्वर को परिजन किसी तरह घर लाए और फिर दुर्ग के शासकीय अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। लोग अविश्वास में हैं कि मात्र दो हजार रुपए जैसी मामूली रकम ने एक परिवार को तबाह कर दिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों अजीत धीवर, चेतन धीवर और नमेश धीवर को गिरतार कर लिया है।
पिछले वर्ष की तुलना में हत्याएं कम हुई हैं। जो भी हत्याएं हुई हैं आकस्मिक प्रकोपन की वजह से हुई हैं। इसमें षड्यंत्र, गैंगवार जैसी बात नहीं है। बेसिक पुलिसिंग के जरिए लगातार कार्रवाई जारी है, ताकि बदमाशों के हौसले पस्त रहें।
जिले में हत्या के मामले अब अचानक उभरने वाले झगड़ों और क्षणिक आवेश से प्रेरित अपराधों में बदलते जा रहे हैं। महज दो हजार रुपए की उधारी पर युवक की हत्या ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि छोटे विवाद कैसे खून-खराबे का कारण बन रहे हैं। नवंबर के पहले दस दिनों में ही दुर्ग जिले में छह हत्याएं दर्ज हो चुकी हैं, ज़्यादातर आपसी विवाद या गुस्से में किए गए अपराध हैं।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2024 में जनवरी से अक्टूबर तक 65 हत्याएं दर्ज हुई थीं, जबकि 2025 में अब तक 49 हत्याएं दर्ज हुई हैं। हत्या के प्रयासों में बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष 2024 में 121 मामलों के मुकाबले 2025 में 131 प्रयास दर्ज हुए हैं। ज्यादातर घटनाएं आपसी रंजिश, रिश्तों में दरार या क्षणिक क्रोध में की गईं।
विजय अग्रवाल एसएसपी, दुर्ग
पुलिस के इस साल आर्स एक्ट के तहत 324, आबकारी एक्ट के 1821, नारकोटिक्स के 118 मामले दर्ज हुए हैं। साफ है कि कार्रवाई का दायरा बढ़ा है, पर बल की कमी अब भी प्रमुख समस्या है। जिले में 1,779 पदों के मुकाबले केवल 1,220 कर्मी हैं।
तिथि थाना क्षेत्र घटना का कारण संक्षिप्त विवरण
1 नवंबर पदमनाभपुर पारिवारिक रंजिश -आरोपी गोविंद शेट्ठी ने अपने जीजा राजकुमार शेट्ठी की सिलबट्टा से हत्या की।
4 नवंबर रानीतराई पड़ोसी विवाद -बोरिद में दातून को लेकर विवाद में आरोपी महिला ने अधेड़ राधाबाई की पिटाई कर दी, जिससे मौत हो गई।
6 नवंबर उतई प्रेम-प्रसंग विवाद - प्लाईवुड कंपनी के कर्मचारियों में महिला के कारण झगड़ा हुआ, पांच आरोपियों ने युवक की हत्या कर शव बस स्टैंड के पास फेंक दिया।
7 नवंबर दुर्ग कोतवाली ब्याज का लेनदेन - संतोष अचारी की एक दर्जन से अधिक आरोपियों ने सराफा लाइन में बेरहमी से हत्या कर दी।
10 नवंबर मोहन नगर व्यक्तिगत रंजिश - शंकर नगर निवासी योगेश विश्वकर्मा की तीन आरोपियों ने घर के सामने हत्या कर दी।
Published on:
13 Nov 2025 10:29 am
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