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शिक्षा विभाग में 1.19 लाख पद खाली, सबसे ज्यादा रिक्तियां अध्यापक वर्ग में, स्कूलों पर बढ़ा बोझ

- राजस्थान में शिक्षा विभाग के विभिन्न संवर्गों के कुल 4.10 लाख स्वीकृत पदों में से 2.91 लाख कार्यरत, 1.19 लाख पद खाली - राज्यभर के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी, कार्यरत कार्मिकों पर बढ़ रहा अतिरिक्त भार

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1.19 lakh posts vacant in the education department

1.19 lakh posts vacant in the education department

राज्य के शिक्षा विभाग में कार्मिकों की भारी कमी उजागर हुई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार विभाग में स्वीकृत 4 लाख 10 हजार 351 पदों में से केवल 2 लाख 91 हजार 75 पदों पर ही कार्मिक कार्यरत हैं, जबकि 1 लाख 19 हजार 276 पद रिक्त हैं। यह स्थिति विद्यालयों में शिक्षण कार्य से लेकर प्रशासनिक व्यवस्था तक पर सीधा असर डाल रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया को चरणबद्ध रूप से पूरा करने की तैयारी चल रही है। आगामी महीनों में वरिष्ठ अध्यापक, प्राध्यापक और प्रयोगशाला सहायकों की भर्ती के विज्ञापन जारी किए जा सकते हैं।

सबसे ज्यादा कमी अध्यापक वर्ग में

आंकड़ों के अनुसार, सबसे बड़ी कमी वरिष्ठ अध्यापक वर्ग में है। वरिष्ठ अध्यापक के 1 लाख 9 हजार 873 स्वीकृत पदों में से 68 हजार 22 कार्यरत हैं, जबकि 41 हजार 851 पद रिक्त हैं। वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक के 4,045 पदों में से 2,598 कार्यरत, 1,447 रिक्त हैं। प्राथमिक विद्यालयों में भी पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक के 2,020 पदों में 118 रिक्तियां दर्ज हैं।

प्रधानाचार्य और स्कूल शिक्षा में भी भारी कमी

प्रधानाचार्य एवं समकक्ष के 19 हजार 278 स्वीकृत पदों में से 12 हजार 971 कार्यरत, यानी 6 हजार 307 पद रिक्त हैं। उप प्रधानाचार्य (उच्च माध्यमिक) के 12 हजार 404 पदों में से 7 हजार 444 पद रिक्त हैं। प्राथमिक स्कूल शिक्षा (विभिन्न विषय) के 57 हजार 194 पदों में से 16 हजार 828 खाली हैं।

कंप्यूटर व प्रयोगशाला कर्मियों की भी भारी कमी

तकनीकी शिक्षा से जुड़े पदों पर भी स्थिति चिंताजनक है। वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक के 1,182 में से 944 रिक्त। बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के 9,857 में से 3,677 रिक्त। प्रयोगशाला सहायक के 5,581 में से 1,472 पद खाली हैं।

प्रशासनिक वर्ग में भी कमी

प्रशासनिक अधिकारी वर्ग के 1,103 पदों में से 60 रिक्त। सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 4,409 में से 1,738 रिक्त। कनिष्ठ सहायक के 13,314 में से 6,323 पद खाली हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 29,631 में से 5,205 पद रिक्त हैं।

शिक्षा की गुणवत्ता पर असर

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अध्यापक वर्ग में रिक्तियों की यह स्थिति विद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डाल रही है। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में तो कई विद्यालय ऐसे हैं जहां एक ही शिक्षक सभी विषयों का कार्य देख रहा है।

प्रदेश में रिक्त पद एक नजर में

श्रेणी स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त

  • वरिष्ठ अध्यापक 1,09,873 68,022 41,851
  • प्रधानाचार्य 19,278 12,971 6,307
  • उप प्रधानाचार्य 12,404 7,405 7,444
  • कंप्यूटर अनुदेशक 11,039 9,444 4,621
  • प्रयोगशाला सहायक 5,581 4,109 1,472
  • कनिष्ठ सहायक 13,314 6,991 6,323
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 29,631 24,576 5,205
  • कुल 4,10,351 2,91,075 1,19,276