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कंटीन्यूअस क्लियरिंग सिस्टम फेल, करोड़ों के चेक फंसे

टेक्सटाइल सिटी में बैंकिंग व्यवस्था ठप, उद्यमियों के अटके भुगतान

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Continuous Clearing System fails, crores of cheques stuck

Continuous Clearing System fails, crores of cheques stuck

ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से शुरू किया गया कंटीन्यूअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट ऑन रियलाइजेशन सिस्टम पहले दिन ही फेल हो गया। इसके चलते भीलवाड़ा समेत देशभर में करोड़ों रुपए के चेक बैंकों में फंस गए हैं। उद्योग नगरी भीलवाड़ा में सोमवार को अधिकांश बैंकों में यह तकनीकी गड़बड़ी देखने को मिली। इससे कारोबारियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।

नया सिस्टम 4 अक्टूबर से लागू

आरबीआई ने 4 अक्टूबर से यह नई व्यवस्था शुरू की थी। इसके तहत चेक क्लियरिंग प्रक्रिया को रियल टाइम और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य रखा गया था। पहले चरण में (4 अक्टूबर 2025 से 3 जनवरी 2026 तक) बैंकों को शाम 7 बजे तक चैक क्लियर या रिजेक्ट करना आवश्यक है। यदि बैंक ऐसा नहीं करती, तो चेक को क्लियर माना जाएगा। दूसरे चरण में (3 जनवरी 2026 से) बैंकों को चेक क्लियर या रिजेक्ट करने के लिए केवल 3 घंटे का समय मिलेगा। उदाहरण सुबह 10 बजे भेजे चेक को दोपहर 2 बजे तक निपटाना होगा। लेकिन नई व्यवस्था के पहले ही दिन सॉफ्टवेयर ने काम करना बंद कर दिया। इससे चेक की प्रोसेसिंग पूरी तरह रुक गई।

बैंक में फंसे करोड़ों रुपए के चैक

टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा में सोमवार को हजारों कपड़ा व्यापारियों के चेक बैंक शाखाओं में जमा तो हुए, लेकिन दिनभर क्लियर नहीं हो सके। बैंकिंग सर्वर डाउन होने से भुगतान की प्रक्रिया बाधित रही। बैंक अधिकारियों के अनुसार, सिस्टम में सेंट्रल क्लियरिंग लिंक फेल हो गया, जिसके कारण क्लियरिंग अपडेट नहीं हो पाई।

उद्यमियों के अटके काम

एक स्थानीय उद्यमी ने बताया कि उन्होंने ग्राहकों व कंपनियों के भुगतान के लिए चेक जारी किए थे, जबकि कई व्यापारियों के चेक बैंक में लगाए गए। लेकिन शाम तक बैंक बंद होने तक कोई भी चेक क्लियर नहीं हुआ। एक टेक्सटाइल उद्योगपति ने बताया कि चेक क्लियर नहीं होने से सप्लायरों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। इससे उत्पादन और डिलीवरी दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

बैंकों में ग्राहकों की भीड़

तकनीकी गड़बड़ी के चलते दिनभर बैंक शाखाओं में ग्राहकों की भीड़ रही। बैंक अधिकारी लगातार सिस्टम रीसेट करते रहे, लेकिन स्थिति शाम तक सामान्य नहीं हो पाई।

क्या है कंटीन्यूअस क्लियरिंग सिस्टम

कंटीन्यूअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट ऑन रियलाइजेशन सिस्टम आरबीआई की नई व्यवस्था है। इसके तहत देशभर में एक समान समय सीमा में चैक प्रोसेस किए जाते हैं।

लगातार प्रयास जारी

एनपीसीआई लगातार इस समस्या के समाधान के प्रयास में लगा हुआ है। बैंको में वर्तमान में लगे सोफ्टवेयर अलग-अलग एजेंसी के होने के कारण भी तकनीकी समस्या आ रही है। हालांकि आरबीआई व एनपीसीआई ने यह प्रणाली प्रारम्भ करने से पहले ट्रायल की थी, लेकिन नई प्रणाली होने से यह समस्या आई है। शीध्र ही समाधान होने की संभावना है।

हेमेन्द्र कौशिक, वरिष्ठ बैंक प्रबंधक