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सड़क दुर्घटनाओं पर नकेल: अब सरकारी दफ्तरों में होगी हेलमेट-सीट बेल्ट की अनिवार्य मॉनिटरिंग

- सुप्रीम कोर्ट समिति और मुख्य सचिव की सख्ती के बाद पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश - उल्लंघन पर सरकारी कार्मिकों के खिलाफ होगी कार्रवाई

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Now, mandatory monitoring of helmets and seat belts will be done in government offices

Now, mandatory monitoring of helmets and seat belts will be done in government offices

राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती गंभीर दर पर सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गठित सड़क सुरक्षा समिति ने कड़ी चिंता व्यक्त की है। नई दिल्ली में 19 नवंबर को हुई समिति की बैठक और इसके बाद मुख्य सचिव, राज्य सरकार की ओर से ली गई समीक्षा बैठक के बाद अब पुलिस मुख्यालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यातायात नियमों की पालना सुनिश्चित करने के संबंध में सख्त आदेश जारी किए हैं। इस आदेश का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को रोल मॉडल बनाना और प्रदेश में सड़क सुरक्षा के वातावरण को मजबूत करना है। पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण एवं यातायात) अनिल पालीवाल ने मामले में आदेश जारी कर सरकारी कार्मिकों को निर्देश दिए है कि वे दुपहिया वाहन पर परिवहन करते समय हेलमेट और चौपहिया वाहन में परिवहन करते समय सीट बेल्ट का प्रयोग सुनिश्चित करें।

सरकारी कार्यालयों पर निगरानी का शिकंजा

आदेश के अनुसार राजकीय कार्यालयों, संस्थाओं और उपक्रमों के अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए यातायात सुरक्षा प्रावधानों की पालना अनिवार्य कर दी गई है। इसकी सभी को पालना करने को कहा गया है। आदेश में विभागों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने प्रवेश गेट पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर नियमों की मॉनिटरिंग करेंगे। साथ ही एक रजिस्टर संधारित किया जाएगा। इसमें कार्मिकों की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के आधार पर पालना की एंट्री की जाएगी।

पालना पर पुरस्कार, अवहेलना पर कार्रवाई

सरकारी कार्मिकों को यातायात नियमों की पालना के लिए प्रोत्साहित करने और उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया गया है। नियमित रूप से हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करने वाले कार्मिकों को पुरस्कृत किया जाएगा। वही नियमों की अवहेलना करने वाले कार्मिकों को पहली बार समझाइश की जाएगी। यदि वे नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।