Process house operators bow to business coordination
भीलवाड़ा प्रोसेस हाउस संचालकों ने शुक्रवार सुबह 2 प्रतिशत हैंडलिंग शुल्क वापस लेने का बड़ा निर्णय लिया। चार दिनों से चल रहे व्यापारी व प्रोसेस हाउस विवाद का पटाक्षेप हो गया। प्रोसेस हाउस संचालकों ने कहा कि यह शुल्क किसी अतिरिक्त लाभ के लिए नहीं, बल्कि केवल बढ़ते अप्रत्यक्ष व्ययों की क्षतिपूर्ति के लिए लगाया गया था। वहीं व्यापारियों ने भरोसा दिलाया कि समस्याओं का समाधान आपसी सहमति से तय समय में किया जाएगा।
क्यों लगाया गया था 2 प्रतिशत हैंडलिंग शुल्क
भीलवाड़ा में 22 प्रोसेस हाउस हर साल 50 करोड़ मीटर से अधिक कपड़े की प्रोसेसिंग करते हैं। सामान्यत: प्रोसेसिंग का कार्य 7 से 10 दिन में पूर्ण हो जाता है, लेकिन व्यापारी अपनी सुविधा से कपड़ा देर से उठाते हैं और भुगतान भी 15 से 30 दिन या उससे अधिक समय बाद करते हैं। इससे प्रोसेस हाउस पर कई तरह के अप्रत्यक्ष आर्थिक भार पड़ते हैं।
अतिरिक्त खर्च का बोझ
व्यापारिक संबंधों को दिया प्राथमिकता
प्रोसेस हाउस संचालकों ने कहा कि बाजार की प्रतिस्पर्धा और बढ़ते व्ययों की भरपाई के लिए ही यह शुल्क लगाया गया था। लेकिन व्यापारी व प्रोसेस हाउस के दीर्घकालिक संबंधों, त्योहारी सीजन की मांग और व्यापारिक समन्वयता को देखते हुए यह शुल्क तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया गया।
व्यापारियों ने जताई सहमति
व्यापारियों ने माना कि प्रोसेस हाउस की समस्याएं वास्तविक हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि 10 से 15 दिन में आपसी बातचीत से इन मुद्दों का समाधान निकाला जाएगा।
2 प्रतिशत हैंडलिंग शुल्क हटाने का मुख्य कारण
प्रोसेस हाउस और व्यापारियों के बीच चार दिन से बातचीत जारी थी। व्यापारियों ने समस्याओं की वाजिब को स्वीकार की। त्योहारी ग्राहकी को ध्यान में रखते हुए चार्ज हटाया गया। प्रोसेस हाउस ने व्यापारियों से भविष्य में सहयोग की अपेक्षा जताई।
उद्योग की निरंतरता पर जोर
सभी प्रोसेस हाउस मालिकों ने अपील की कि व्यापारियों के सहयोग और समझ से ही भीलवाड़ा की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की निरंतरता व सेवा की गुणवत्ता बनी रह सकती है।
Published on:
03 Oct 2025 08:06 pm
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