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सीया के नए आदेश से ठप हो सकता है खनन कार्य, हजारों लोगों की रोजी पर संकट

- प्रदेश में बजरी व मेजर मिनरल्स की खदानें ईसी के अभाव में अटकीं - अब वन्यजीवों व पौधरोपण पर बैंक गारंटी का नया नियम बना बड़ी बाधा

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The new SIA order could halt mining operations, threatening the livelihoods of thousands.

The new SIA order could halt mining operations, threatening the livelihoods of thousands.

प्रदेश में बजरी और मेजर मिनरल्स की बड़ी खदानों की नीलामी हुए एक से दो साल बीत चुके हैं, लेकिन खनन कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है। सरकार नीलामी के बाद 40 प्रतिशत राशि लीजधारकों से वसूल कर करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त कर चुकी है, मगर पर्यावरण स्वीकृति (ईसी)नहीं मिलने के कारण खदानें शुरू नहीं हो पाई हैं। इससे जहां अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं हजारों लोगों के रोजगार के अवसर भी अटक गए हैं।

भीलवाड़ा जिले में ही बजरी की करीब 30 लीजें नीलामी के बाद शुरू नहीं हो पाई हैं। अगर ये लीजें चालू होती तो हजारों लोगों को रोजगार मिलता। प्रदेश में मेजर मिनरल्स के रूप में चूना पत्थर, सीसा, जस्ता, चांदी, जिप्सम, कैल्साइट, रॉक फॉस्फेट और तांबा शामिल हैं। इन खदानों की संख्या 300 से अधिक है।

सीया का नया फरमान, खनन उद्योग पर संकट

स्टेट एनवायर्नमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सीया) ने हाल ही में नया आदेश जारी किया है। इसने खनन व्यवसायियों को सकते में डाल दिया है। आदेश के अनुसार, नई खनन लीज या क्वारी लाइसेंस क्षेत्र में आने वाले वन्यजीवों की प्रत्येक प्रजाति पर पांच लाख रुपए की बैंक गारंटी जमा करानी होगी। यदि किसी लीज क्षेत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में 20 प्रजातियां पाई जाती हैं, तो खान मालिक को एक करोड़ रुपए तक की गारंटी देनी होगी। इसके अलावा पौधरोपण की शर्त भी जोड़ी गई है। एक हैक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण के लिए प्रत्येक पौधे पर 2000 रुपए की गारंटी तय की गई है। एक हैक्टेयर लीज के लिए यह राशि लगभग 6.66 लाख रुपए तक पहुंचती है।

पहले मिलती थी आसानी से स्वीकृति

पहले खान मालिकों को केवल यह प्रमाणित करना होता था कि उनकी खदान किसी वन्यजीव अभयारण्य की सीमा में नहीं आती। वन्यजीव विभाग से एनओसी लेकर वे पर्यावरण मंजूरी प्राप्त कर लेते थे। लेकिन अब नए नियमों से मंजूरी की प्रक्रिया लगभग ठप हो गई है।

भीलवाड़ा में 13 प्रजातियों पर 65 लाख की गारंटी

भीलवाड़ा जिले में गिद्ध, पैंथर, चिंकारा, नीलगाय, सियार, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, सेही, नेवला, खरगोश, जंगली सूअर, भालू और जरख जैसी 13 वन्यजीव प्रजातियां पाई जाती हैं। इन पर खान मालिकों को 65 लाख रुपए की बैंक गारंटी देनी होगी।

ठप हो जाएगा खनन कार्य

ऊपरमाल खनन व्यवसाय संघ से जुड़े रामप्रसाद विजयवर्गीय का कहना है कि अगर यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश में नया खनन कार्य पूरी तरह बंद हो जाएगा और हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा।