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खदानों पर हड़ताल से श्रमिकों का गांवों की ओर पलायन

खनन क्षेत्र में छाया सन्नाटा, चाय–पंचर जैसे सहायक रोजगार पर भी पड़ा असर क्रशर–चुनाई पत्थर संघ ने बनाई वार्ता कमेटी, आरसीएम प्लांट पर टीपी लागू करने की उठी मांग

The workers migrated to the villages due to the strike in the mines
The workers migrated to the villages due to the strike in the mines

भीलवाड़ा जिले में खनन व क्रशर उद्योग से जुड़े विवादों के चलते चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर अब श्रमिकों और स्थानीय रोजगार पर दिखाई देने लगा है। जिले भर के खनन क्षेत्रों में सन्नाटा पसरा है, वहीं सैकड़ों श्रमिक गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं। उनके साथ ही उनसे जुड़े चाय की थड़ी, पंचर सुधारने वाले, खाने की रेहड़ी, ट्रक ड्राइवर और स्थानीय व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

स्थानीय स्तर पर ठप हो गया लघु रोजगार

भीलवाड़ा से क्रशर एवं चुनाई पत्थर संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार सोनी ने बताया कि हड़ताल के चलते खदानों में काम पूरी तरह से बंद हो चुका है। इससे दैनिक मजदूरी पर निर्भर सैकड़ों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। चाय विक्रेता, पंचर सुधारक, भोजनालय चलाने वाले, वाहन चालक व ट्रांसपोर्टर जैसे सहायक व्यवसाय भी प्रभावित हैं। खनन क्षेत्र में पूरी तरह सन्नाटा छाया हुआ है। त्योहारी सीजन होने से श्रमिक अपने गांव जाने लगे है।

आरसीएम प्लांट पर भी टीपी लागू करने की मांग

हड़ताल कर रहे खनन कारोबारियों और क्रशर यूनिट्स की ओर से अब रेडी मिक्स कंक्रीट (आरसीएम) प्लांट पर भी ट्रांजिट पास (टीपी) लागू करने की मांग उठी हैं। व्यवसायियों का कहना है कि अन्य सभी निर्माण व ढुलाई सामग्री पर जब टीपी लागू है, तो आरसीएम प्लांट को इससे बाहर क्यों रखा गया है। इस तरह के छह प्लांट है। इनमें भी गिट्टी की कमी आ गई है।

प्रभावित हो रहा निर्माण कार्य और स्थानीय अर्थव्यवस्था

हड़ताल के चलते निर्माण कार्यों की गति थम गई है। पत्थर, क्रशर डस्ट व चुनाई सामग्री की आपूर्ति बंद होने से ठेकेदारों और सरकारी परियोजनाओं पर भी असर पड़ रहा है। साथ ही स्थानीय लघु व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट यूनिट्स को भारी नुकसान हो रहा है।

क्रशर एवं चुनाई पत्थर संघ ने बनाई वार्ता समिति

राज्य सरकार की ओर से गठित वार्ता समिति से संवाद के लिए राजस्थान स्टोन क्रशर एवं चुनाई पत्थर एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से मनोज घुमरिया की अध्यक्षता में वार्ता कमेटी का गठन किया गया। कमेटी में शामिल सदस्य में भीलवाड़ा से क्रशर एवं चुनाई पत्थर संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार सोनी, लोकेंद्र सिंह रावत, क्षितिज चौधरी (माणू), यशवंत अबूसरिया, महेंद्र गोयल एवं विधिक सलाहकार डेविड मेहला को शामिल किया। यह कमेटी जल्द ही सरकार द्वारा गठित अधिकारियों की समिति से औपचारिक वार्ता करेगी और समस्याओं के समाधान की दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी।