MP News: केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा लंबे समय से असक्रिय पड़े राजनीतिक दलों को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। प्रदेश में कुछ दिन पूर्व मान्यता खत्म करने की कार्रवाई के बाद 23 और दलों को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने नोटिस जारी कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। आयोग द्वारा प्रदेश के 23 राजनीतियों को पार्टियों को कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया है। इसके बाद पंजीयन रद्द करने की प्रक्रिया की जाएगी।
आयोग ने गुरुवार को नोटिस जारी कर दिए हैं। बता दें, जिन 23 दलों की मान्यता खत्म करने की कवायद की गई है। इनमें सबसे ज्यादा 11 दल ग्वालियर- चंबल और विंध्य के कई जिलों के पते पर पंजीकृत हैं।
आयोग के दिशा-निर्देश हैं कि यदि पार्टी 6 साल तक लगातार कोई चुनाव नहीं लड़ती है। तो पार्टी को पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा। लिहाजा निर्वाचन प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा विशेष अभियान चलाकर ऐसे असक्रिय राजनीतिक दलों को हटाया जा रहा है।
राजनीतिक दल जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 ए के प्रावधानों के तहत आयोग में पंजीकृत होते है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत किसी भी राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने पर कुछ विशेषाधिकार और कर छूट जैसे लाभ भी मिलते है। आयोग द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि 23 राजनीतिक दलों को नोटिस भेजने के बाद पार्टियों के नाम के साथ इनके विज्ञापन का प्रकाशन करवाया जाए। उसके बाद एक माह के भीतर उनका जवाब सुनने के बाद एक निर्धारित प्रोफॉर्मा में जानकारी भरकर आयोग को सौंपी जाए। जिसमें नोटिस जारी करने की तिथि, सुनवाई की तिथि और 2019-25 के दौरान चुनाव लड़ने की जानकारी मुकदमें का विवरण सहित मांगी गई है। जो दल ये जानकारियां नहीं उपलब्ध कराएगा उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई भी की जा सकती है।
Published on:
15 Aug 2025 02:44 pm