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खतरे में 23 राजनीतिक पार्टी, खत्म होगी मान्यता, देखें पूरी लिस्ट

MP News: केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा लंबे समय से असक्रिय पड़े राजनीतिक दलों को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। कुछ दिन पूर्व मान्यता खत्म करने की कार्रवाई के बाद 23 और दलों को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने नोटिस जारी कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

23 political parties are in danger
23 political parties are in danger (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News: केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा लंबे समय से असक्रिय पड़े राजनीतिक दलों को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। प्रदेश में कुछ दिन पूर्व मान्यता खत्म करने की कार्रवाई के बाद 23 और दलों को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने नोटिस जारी कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। आयोग द्वारा प्रदेश के 23 राजनीतियों को पार्टियों को कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया है। इसके बाद पंजीयन रद्द करने की प्रक्रिया की जाएगी।

आयोग ने गुरुवार को नोटिस जारी कर दिए हैं। बता दें, जिन 23 दलों की मान्यता खत्म करने की कवायद की गई है। इनमें सबसे ज्यादा 11 दल ग्वालियर- चंबल और विंध्य के कई जिलों के पते पर पंजीकृत हैं।

छह साल में नहीं लड़ा एक भी चुनाव

आयोग के दिशा-निर्देश हैं कि यदि पार्टी 6 साल तक लगातार कोई चुनाव नहीं लड़ती है। तो पार्टी को पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा। लिहाजा निर्वाचन प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा विशेष अभियान चलाकर ऐसे असक्रिय राजनीतिक दलों को हटाया जा रहा है।

इन 23 दलों का अस्तित्व खतरे में

  • आदिजन मुक्ति सेना
  • अद्वैत ईशावास्यम कांग्रेस
  • अखिल भारतीय जन मोर्चा
  • अखिल भारतीय लोकतांत्रित पार्टी
  • बहुजन संघर्ष दल
  • भारतीय नवयुवक पार्टी
  • भारतीय राष्ट्रीय मजदूर दल
  • भारतीय अपना अधिकार पार्टी
  • भारतीय जन युग पार्टी
  • भारतीय सामाजिक एकता पार्टी
  • भारतीय श्रमिक दल सोशलिस्ट
  • भारत प्रजातंत्र सेवा पार्टी
  • क्रांतिकारी दल
  • मप्र नव निर्माण सेना
  • प्रजासत्तक लोकराज्य पार्टी
  • रहबर पार्टी
  • राष्ट्रीय गरिमा पार्टी
  • राष्ट्रीय महाजन शक्ति पार्टी
  • सर्व भवंते सुखिनय पार्टी
  • द इंपीरियल पार्टी ऑफ इंडिया
  • विश्व आदर्श भारत पार्टी
  • राष्ट्रीय धर्म निरपेक्ष नव भारत पार्टी
  • राष्ट्रीय विश्व जीवन पंचतत्व पार्टी

निर्धारित प्रोफॉर्मा में देनी होगी जानकारी

राजनीतिक दल जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 ए के प्रावधानों के तहत आयोग में पंजीकृत होते है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत किसी भी राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने पर कुछ विशेषाधिकार और कर छूट जैसे लाभ भी मिलते है। आयोग द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि 23 राजनीतिक दलों को नोटिस भेजने के बाद पार्टियों के नाम के साथ इनके विज्ञापन का प्रकाशन करवाया जाए। उसके बाद एक माह के भीतर उनका जवाब सुनने के बाद एक निर्धारित प्रोफॉर्मा में जानकारी भरकर आयोग को सौंपी जाए। जिसमें नोटिस जारी करने की तिथि, सुनवाई की तिथि और 2019-25 के दौरान चुनाव लड़ने की जानकारी मुकदमें का विवरण सहित मांगी गई है। जो दल ये जानकारियां नहीं उपलब्ध कराएगा उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई भी की जा सकती है।