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1 लाख में सरकारी डॉक्टर करेगा 8-10 ऑपरेशन, बेहतर होगी ‘आयुष्मान योजना’

MP News: सीएम का कहना था, आयुष्मान से 5 लाख तक का इलाज मुफ्त है। कई निजी अस्पताल 5 ऑपरेशन कर 5 लाख कमा रहे।

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(Photo Source - Patrika)

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MP News: मध्यप्रदेश में आयुष्मान योजना और बेहतर ढंग से क्रियान्वित होगी। निर्देशों पर अमल हुआ तो सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स और सुविधाएं बढ़ेंगी। दरअसल, सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि निजी अस्पतालों में अमूमन एक लाख में एक ऑपरेशन होता है। यदि इस एक लाख रुपए से सरकारी अस्पतालों में एक डॉक्टर रखें तो वह एक महीने में कम से कम 8-10 ऑपरेशन कर सकता है। उन्होंने यह बात स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कही।

बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला, मुख्य सचिव अनुराग जैन, विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। सीएम का कहना था, आयुष्मान से 5 लाख तक का इलाज मुफ्त है। कई निजी अस्पताल 5 ऑपरेशन कर 5 लाख कमा रहे। यदि ये ऑपरेशन और इलाज सरकारी अस्पताल करने लगें तो पांच लाख रुपए उन्हें भी मिलेंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

केस-1: रुपए नहीं मिले तो मरने के बाद भी वेंटिलेटर पर रखा

भोपाल के एक बड़े निजी अस्पताल में एक साल पहले सिवनी मालवा निवासी वृद्धा को भर्ती कराया गया। एक सप्ताह बाद मौत हो गई, लेकिन मृत घोषित नहीं किया, दिखावे को वेंटिलेटर पर रखा। वजह आयुष्मान की राशि जारी नहीं हुई थी। परिजन ने 40 हजार रुपए दिए, तब पार्थिव शरीर दिया। जांच में मिला, इलाज खर्च की मंजूरी थी। जब अस्पताल प्रबंधन से सवाल किए तो परिजन को 40 हजार रुपए लौटाए गए। वृद्धा के परिजन में से एक सदस्य मध्यप्रदेश पुलिस में सेवारत हैं।

केस-2: मरीज से रुपए लिए और आयुष्मान से भी

बैतूल के एक निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती किया गया। परिजन के मुताबिक प्रबंधन ने बताया कि आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज हो जाएगा। बाद में कहने लगे इस बीमारी का आयुष्मान में पैसा ही नहीं मिलता। मरीज से 15 हजार रुपए ले लिए। कुछ माह बाद उसी मरीज को जब दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया तो पता चला आयुष्मान कार्ड से संबंधित अस्पताल को 30 हजार का भुगतान हुआ था।

जनता को सहूलियत

-जब सरकारी अस्पताल सक्षम होंगे तो मरीजों को निजी में जाने की जरूरत कम ही पड़ेगी।

-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में संसाधन बढ़ाकर हाईटेक किया जा सकेगा।

-सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टरों को अच्छा वेतन मिलने लगे तो कमी दूर हो सकेगी।

डॉक्टर्स को प्रोत्साहन

बॉण्ड पर रखे जाने वाले डॉक्टरों के लिए भर्ती नियम बदलेंगे। सीएम ने कहा है, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे ऐसे विद्यार्थी, जिनकी फीस सरकार भर रही, ऐसे बॉण्ड वाले डॉक्टरों को प्रदेश में ही सेवा देने के लिए प्रोत्साहित करें। जो जनजातीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए इच्छुक हों, उन्हें ज्यादा मानदेय देने की व्यवस्था करें।