MP News: मध्यप्रदेश में नागरिकों को सस्ती दरों पर जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खुले जन औषधि केन्द्र(Jan Aushadhi Kendra) भी निजी ब्रांड की महंगी दवाओं के बिरी केन्द्र बन गए हैं। इनमें धड़ल्ले से निजी ब्रांड की महंगी दवाएं बेची जा रही है। वर्ष 2024-25 में जांच के दौरान 67 जन औषधि केन्द्रों में जांच के दौरान निजी ब्रांड की दवाएं बिकती हुई पाई गई। यह केन्द्र जेनरिक दवाओं की खरीदी नहीं कर रहे और ब्रांडेड दवाओं की खरीदी कर महंगे दामों पर बेचते पाए गए। इसके बाद इन 67 में से 57 जन औषधि केन्द्र बंद हो चुके हैं। जबकि अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं और उनकी प्रोत्साहन राशि रोकी गई है। चार जन औषधि केन्द्रों के दवा विक्रय लायसेंस 5 से 10 दिन के लिए निलंबित किए गए हैं।
विधानसभा में विधायक अजय सिंह के प्रश्न के जवाब में डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने यह जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों(PM Jan Aushadhi Kendra) द्वारा औषधियों की बिक्री उनके द्वारा पीएमबीआई (फार्मास्यूटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया) के साथ किए गए अनुबंध के अनुसार की जाती है। औषधियों का विक्रय, औषधि के नियमों में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत किया जाना आवश्यक है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा अधिनियम के पालन संबंधी निरीक्षण किए जाते हैं।
प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों(PM Jan Aushadhi Kendra) का उद्देश्य मरीजों को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराना है। इन केन्द्रों पर दवाएं 50 से 80 फीसदी तक सस्ती दरों पर मिलती हैं। मध्यप्रदेश में अभी 500 से अधिक जन औषधि केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। अब पैक्स द्वारा भी लगातार यह केन्द्र खोले जा रहे हैं। सभी जिला अस्पतालों के परिसर में भी जन औषधि केन्द्र खोले जा रहे हैं। इन केन्द्रों को जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। सरकार प्रोत्साहन राशि भी देती है।
Published on:
14 Aug 2025 11:18 am