
CM Mohan Yadav announces release of crocodiles in Narmada in MP
Narmada- नर्मदा को मध्यप्रदेश की जीवनरेखा के रूप में जाना जाता है। प्रदेश के अमरकंटक से निकली यह विश्व की एकमात्र नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है। शास्त्रों में मगरमच्छ को पुण्य सलिला मां नर्मदा का वाहन बताया गया है। हालांकि प्रदेश की इस सर्वप्रमुख नदी में मगरमच्छों की संख्या बेहद कम है। अब राज्य सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में नर्मदा के जल में मगरमच्छ छोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी में मगरमच्छ को बसाने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले पिछले साल प्रदेश में चंबल नदी में घड़ियाल छोड़े जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अटल पथ पर मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में मनुष्य और वन्य जीव परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर रहते आए हैं। सीएम मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में सभी प्रकार के वन्यजीवों के संरक्षण का अभियान चल रहा है। यही कारण है कि प्रदेश में वन्य जीवों के साथ ही घड़ियाल, मगरमच्छ जैसे सभी प्रकार के जलीय जीवों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार पुण्य सलिला मां नर्मदा के वाहन मगरमच्छ को नर्मदा में बसाने का अपना संकल्प पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने नर्मदा को मगरमच्छों के आवास के लिए अत्यंत अनुकूल करार दिया।
सीएम मोहन यादव ने बताया कि गुरुवार 30 अक्टूबर को मां नर्मदा के जल में मगरमच्छों को छोड़ा जाएगा। इस दिन मुख्यमंत्री खंडवा जिले के नर्मदानगर के प्रवास पर रहेंगे। सीएम ने कहा कि नर्मदाजी का वाहन निर्मल जल में अठखेलियां करता दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि नर्मदा में मगरमच्छों को छोड़ते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि लोगों को इससे खतरा न हो। इस जलीय जीव को ऐसे स्थान पर ही छोड़ा जाएगा जिससे लोग सुरक्षित रह सकें। सीएम ने आशा जताई कि मगरमच्छ की मौजूदगी मां नर्मदा के लिए शुभ होगी और यह जल की धारा को सशक्त बनाएगी।
Published on:
29 Oct 2025 04:00 pm
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