CM Mohan Yadav- एमपी के तीर्थयात्रियों को अयोध्या और वाराणसी जाने का मौका मिला है। प्रदेश की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत राज्य सरकार उन्हें इन तीर्थों की यात्रा करा रही है। उज्जैन से तीर्थ यात्रियों को अयोध्या ले जाने वाली ट्रेन को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास से ट्रेन को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यात्रियों को यात्रा के लिए मंगल कामनाएं भी दीं। उन्होंने तीर्थयात्रियों से वर्चुअली बात की और इस दौरान आनंदित होने का सूत्र भी बताया।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार देशभर के धर्मस्थलों की निशुल्क यात्रा कराती है। इसके अंतर्गत बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी और भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के दर्शन कराने के लिए बुधवार को ट्रेन रवाना हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन से अयोध्या जा रहे श्रद्धालुओं की ट्रेन को भोपाल से वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री निवास से ट्रेन को रवाना करते हुए उन्होंने यात्रियों से बातचीत भी की।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने तीर्थ यात्रियों से कहा-
राम नाम लड्डू, गोपाल नाम घी
हरि नाम मिश्री, तू घोल-घोल पी।
उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से काशी और अयोध्या धाम तक दर्शन का सौभाग्य मिलना, जीवन में इससे बड़ा आनंद और क्या होगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस मौके पर तीर्थदर्शन योजना के विस्तार की बात कही। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के सहयोग से योजना का और विस्तार किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2018 में प्रांरभ की गई तीर्थदर्शन योजना का प्रतिवर्ष का बजट 50 करोड़ रूपए से ज्यादा का है। योजना में हवाई यात्रा से भी तीर्थ कराने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन रेलवे स्टेशन पर उपस्थित उज्जैन और आगर-मालवा के तीर्थयात्रियों को संबोधित किया। उज्जैन से तीर्थ यात्रा पर जा रहीं कल्पना शर्मा, रज्जू किशोर, बाबूलाल शर्मा से वर्चुअली बात की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाद में इस संबंध में ट्वीट भी किया। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा-
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी और भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के दर्शन हेतु प्रस्थान कर रहे सभी तीर्थयात्री बधाई के पात्र हैं। उन्हें गंगा स्नान, भगवान विश्वनाथ के दर्शन के साथ-साथ संत रविदास एवं कबीरदास जी की जन्मस्थली के दर्शन का भी अद्वितीय सौभाग्य प्राप्त होगा।
Updated on:
13 Aug 2025 04:43 pm
Published on:
13 Aug 2025 04:25 pm