MP News (फोटो सोर्स : @DrMohanYadav51)
MP News:मध्यप्रदेश के प्रभारी मंत्रियों को प्रभार के जिलों में मूवमेंट बढ़ाना होगा। वहां जनता दरबार लगाने होंगे, ताकि लोग अपनी बात कह सकें। विभागीय योजनाओं की समीक्षा भी करनी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(CM Mohan Yadav) ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को यह टास्क दिया है।
बता दें, कुछ जिलों में प्रभारी मंत्रियों की असंवेदनशीलता से संगठन के साथ लोगों में भी आक्रोश दिखाई दे रहा है। इसको लेकर सत्ता व संगठन से पूर्व में भी मंत्रियों को सप्ताह में दो दिन राजधानी में बैठने की नसीहत मिल चुकी है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी से ही यह आवाज उठती रही है कि कुछ मंत्री ढूंढे नहीं मिलते, इस आधार पर पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सत्ता के साथ मिलकर मंत्रियों के कम से कम दो दिन भोपाल में बैठने के सुझाव दिए। यही अपेक्षा मौजूदा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी जाहिर कर चुके हैं। तब भी ज्यादातर बंगलों पर मंत्री प्रवास पर हैं का बोर्ड मिलता है।
ज्यादातर मंत्री, प्रभार के जिलों में बहुत कम जा रहे हैं। वहां के लोग परेशान हैं, ये मंत्रियों को खोजते फिरते हैं। ऐसे मंत्री कैबिनेट बैठक वाले दिनों को छोड़ दें तो भोपाल में भी नहीं मिलते। इनका पूरा जोर अपनी विधानसभा क्षेत्र में रहता है। कुछ मंत्रियों से कार्यकर्ता भी नाराज है, क्योंकि मंत्री कब मिलेंगे, कहां जाएंगे, यही तय नहीं होता।
पार्टी के कार्यकर्ता हों या आमजन सभी की शिकायत है कि यदि उन्हें विभाग से या जिले से जुड़े कोई काम हो तो मंत्रियों की बहुत खोजबीन करनी पड़ती है। इस पूरी कवायद में कई बार दो सप्ताह तक लग जाते हैं। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के केंद्रीय सदस्य रंजीत रघुनाथ ने सीएम की तरह मंत्रियों के कार्यक्रमों का प्रतिदिन शेड्यूल जारी करने की मांग की।
चेतन्य कुमार काश्यप जैसे कुछ मंत्री ऐसे भी है, जिन्होंने आम लोगों, कार्यकर्ताओं की सहूलियत के लिए केंद्रीयकृत कार्यालय खोल रखा है। यहां आने वालों के कामों का डिजिटल रिकार्ड मेंटेन होता है। यदि मंत्री से प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं हुई तो जरुरी मामलों में मंत्री स्वयं कॉल करके चर्चा भी करते हैं।
Published on:
01 Oct 2025 11:47 am
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