
carbide guns banned know the guideline
Carbide Gun Banned Guideline issued: बच्चों की रोशनी छीनने वाली कार्बाइड गन को अब तक मध्यप्रदेश में खिलौने के तौर पर लिया जाता था। अब इसे घातक हथियार माना गया है। खरीदी, बिक्री गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगी। प्रदेश में जो भी अवैध कारोबार करता पाएगा जाएगा, उसके खिलाफ गैर जमानती गंभीर धाराओं में एफआइआर होगी। अपराध साबित होने पर तीन साल से सात साल तक की सजा हो सकती है। बच्चों के लगातार जख्मी होने के मामले सामने आने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव, सीएस अनुराग जैन और डीजीपी कैलाश मकवाना के बीच शुक्रवार को चर्चा हुई। इससे पहले सीएस जैन ने मंत्रालय में अधिकारियों की बैठक ली। देर रात गाइडलाइन भी जारी कर दी।
पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी परिपत्र में कार्बाइड गन के वैज्ञानिक स्वरूप, कानूनी स्थिति, दंडात्मक प्रावधानों व कार्रवाई की प्रक्रिया तय की गई। यह विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 4 (घ), 5, 6(क) (III), शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 2 (ख) (III), 2 (ग), 9 (ख) के तहत दंडनीय अपराध है। बीएनएसएस की धारा 163 के तहत आदेश पारित कर कार्बाइड गन के निर्माण, विक्रय, स्वामित्व और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है।
मध्यप्रदेशमें कार्बाइड गन व उसके अवशेष, उपयोग होने वाले केमिकल को मंगवाने, असेंबल करने और बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन ने संभाग के कमिश्नर, कलेक्टरों और एसपी को निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा है, थाना क्षेत्रों में छापामार कार्रवाई करें। किसी के दबाव में आने की जरूरत नहीं।
उच्च स्तरीय बैठक में संभागों के कमिश्नर, पुलिस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के पीएस, गृह विभाग के अधिकारी प्रत्यक्ष व वीसी के जरिए शामिल हुए। मुख्य सचिव ने पूछा कि पहले से कार्रवाई क्यों नहीं की। एक अधिकारी ने कहा कि प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की थी। सीएस ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब सब नियमों के विपरित है तो सीधे कार्रवाई करनी थी। अभी भी समय है, ठीक से कार्रवाई करें।
भोपाल- 6, विदिशा- 8, ग्वालियर- 1
-- यह अवैध कारोबार तहसनहस करें। एक भी नया मामला नहीं आना चाहिए।
-- कार्बाइड गन व केमिकल को प्रदेश से हटाने अभियान चलाएं। प्रत्येक चेन तक जाएं।
-- स्टॉक सीज करें। कार्रवाई ग्यारस के पहले पूरी करें।
-- कर्मचारियों के भरोसे कार्रवाई न छोड़ें, खुद मैदान में जाएं।
-- जिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खरीदी-बिक्री हो रही है, उनके खिलाफ साइबर अपराध दर्ज किया जाए।
-- जो भी इस कारोबार में शामिल हैं, उन्हें सूचीबद्ध करें।
-- जिन बच्चों को नुकसान पहुंचा, उनकी सतत निगरानी करें। जरूरत पूरी करें।
-- उन बच्चों को भी खोजें, जो अब तक प्रशासन के संज्ञान में नहीं है।
-- लोगों में इसका उपयोग रोकने जन जागरुकता लाई जाए।
सीएम डॉ. मोहन यादव शुक्रवार रात हमीदिया अस्पताल पहुंचे। बच्चों और अभिभावकों का हाल जाना। अफसरों से कहा, इलाज में कसर नहीं रहनी चाहिए। बच्चों को शिफ्ट करने की जरूरत हो तो भेजें। इलाज पर खर्च की भरपाई मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से की जाएगी। पीएस संदीप यादव को निर्देशित किया कि प्रदेश में ऐसे जितने भी बच्चे व प्रभावित हैं, उनका ठीक से इलाज हो।
Updated on:
25 Oct 2025 11:25 am
Published on:
25 Oct 2025 09:07 am
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