
एमपी में एक क्लिक पर 500 जरूरी सेवाएं देगा सेवा पोर्टल
MP E Sewa- मध्यप्रदेश के 70 वें स्थापना दिवस पर 1 नवंबर को राज्य को अनेक सौगातें मिलीं। इनमें एमपी ई-सेवा पोर्टल भी शामिल है जिसका सीएम मोहन यादव ने इन्वेस्ट एमपी 3.0 पोर्टल, वॉश ऑन व्हील्स मोबाइल ऐप के साथ लोकार्पण किया था। ई-सेवा पोर्टल के साथ ही मध्यप्रदेश में विभिन्न जरूरी 500 प्रकार की सरकार सेवाएं एक क्लिक पर मिलने लगी हैं। खास बात यह है कि अगले कुछ दिनों में ही पोर्टल पर एक हजार से ज्यादा अन्य सेवाएं भी जुड़ जाएंगी। प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन के अनुसार इस सेवा के साथ ही मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है जहां पूरी सरकार एक स्क्रीन पर मौजूद है।
एमपी ई सेवा पोर्टल राज्य के आम लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक साबित होगा। वे अपने सभी जरूरी काम इसी एक पोर्टल के माध्यम से कर सकेंगे। पोर्टल पर मोबाइल नंबर, आधार नंबर और समग्र आईडी डालते ही पूरे परिवार की कुंडली सामने आ जाएगी।
एमपी ई सेवा पोर्टल से इधर उधर जाने की झंझट खत्म हो जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार विभिन्न प्रकार के लाइसेंस, सामाजिक पेंशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, टूरिज्म आदि के संबंध में सभी आवश्यक जानकारियां मिल जाएंगी। पोर्टल पर ही शिक्षा संबंधी या प्रमाणपत्र मिल जाएंगे, इसी के माध्यम से वोटर लिस्ट में नाम जोड़ा या कटवाया जा सकेगा।
ई सेवा पोर्टल से अलग अलग विभागों की अलग अलग वेबसाइट पर जाने की झंझट खत्म हो जाएगी। इतना ही नहीं, धरना देने या सभी आदि करने की मंजूरी भी पोर्टल से मिल जाएगी।
प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने एमपी ई सेवा पोर्टल की खूबियां विस्तार से गिनाईं। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल से प्रदेश के नागरिकों को 500 आवश्यक सेवाएं प्राप्त होंगी, ये सभी सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। इतना ही नहीं, जल्द ही प्रदेश सरकार के शेष विभागों को इससे जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद एमपी ई सेवा पोर्टल पर अन्य 1750 सेवाएं प्राप्त होने लगेंगी। ये सभी सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार एक स्क्रीन पर आ जाएगी। हमारा प्रदेश देश में ऐसी सुविधा देनेवाला अकेला राज्य होगा।
यह एकीकृत नागरिक सेवा मंच 56 विभागों की 1700 से अधिक सरकारी सेवाओं और योजनाओं को एक ही डिजिटल विंडो पर उपलब्ध कराएगा। ‘एमपी ई-सेवा’ के माध्यम से वर्ष 2026 तक 100% ई-सेवा डिलीवरी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश को देश के डिजिटल गवर्नेंस एनेबल्ड राज्यों में अग्रणी बनाने वाले इस पोर्टल को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) के सेंटर फॉर एक्सीलेंस ने विकसित किया है।
एमपी ई-सेवा पोर्टल पर विभिन्न विभागों की सेवाओं के लिए अलग वेबसाइट पर लॉगइन करने और बार-बार दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। नागरिक eseva.mp.gov.in और मोबाइल ऐप (एंड्रॉइड व iOS) के माध्यम से सभी सेवाओं के लिए पात्रता जांच, आवेदन, स्टेटस चैक करने के साथ ही अनुमोदन भी प्राप्त कर सकते हैं। एमपी ई-सेवा पोर्टल पर सभी चरण आधार आधारित प्रमाणीकरण, ई-साइन और डिजिटल प्रमाणपत्र से सुरक्षित हैं। इससे प्रक्रिया पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस बन गई है।
‘एमपी ई-सेवा’ को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के समग्र पोर्टल से जोड़ा गया है। प्रत्येक परिवार को 8-अंकीय परिवार आईडी और हर सदस्य को 9-अंकीय सदस्य आईडी दी गई है। यह एकीकरण नागरिकों की ऑटो-वेरिफिकेशन प्रक्रिया को सक्षम बनाता है, जिससे पात्रता की पहचान स्वतः ही हो जाती है और दोहराव अथवा देरी नहीं होती है। ‘एमपी ई-सेवा’ की प्रमुख विशेषता ‘ऑटो-फेचिंग डॉक्युमेंट्स’ है, जिससे नागरिकों को बार-बार दस्तावेज़ अपलोड नहीं करने पड़ते। एक बार अपलोड किए गए दस्तावेज़ आगे की सभी सेवाओं में स्वतः उपलब्ध हो जाते हैं।
‘एमपी ई-सेवा’ पोर्टल का इंटरफ़ेस मोबाइल-फर्स्ट दृष्टिकोण पर आधारित है। इसमें बहुभाषीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है। साथ ही दिव्यांगजन के सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। प्रारंभिक मूल्यांकन तौर पर इससे गवर्नेंस लागत में लगभग 40 प्रतिशत की कमी आएगी साथ ही वर्ष भर में नागरिकों के 50 मिलियन घंटों की भी बचत होगी।
सितम्बर 2025 में आई राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा - वितरण आकलन (एनईएसडीए वे फॉरवर्ड ) रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश ने 1752 ई-सेवाओं को मैप किया है और सभी 56 अनिवार्य विभागीय सेवाओं को एमपी ई-सेवा’ पोर्टल में 100% इंटीग्रेट कर देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। राज्य को ‘सायबर तहसील’ के लिए प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार और ‘संपदा 2.0’ के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार मिल चुके हैं।
Updated on:
02 Nov 2025 07:54 pm
Published on:
02 Nov 2025 07:47 pm
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