
एमपी में हर शादी का रजिस्टेशन कर प्रदान करेंगे मैरिज सर्टिफिकेट
Marriage certificate- देशभर की तरह मध्यप्रदेश में भी देव उठनी एकादशी के साथ ही शादियों का सिलसिला शुरु हो गया है। ज्यादातर शादी हॉल और मैरिज गार्डन पहले से बुक हैं और वहां गहमागहमी बढ़ गई है। इस बीच प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हर शादी को रजिस्टर्ड करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश के योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने मुहिम शुरु कर दी है। हर विवाह का पंजीयन कराने और दुल्हा दुल्हन को विवाह स्थल पर ही मैरिज सर्टिफिकेट देने की कवायद की जा रही है। सामूहिक विवाहों में कार्यक्रम स्थल पर ही प्रमाण-पत्र देने का सुझाव दिया गया है।
एमपी में शादी के शत-प्रतिशत पंजीयन के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश के योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने यह पहल की है। शादियों का शत-प्रतिशत पंजीयन होने से भविष्य में दंपत्ति को कानूनी अड़चनों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मध्यप्रदेश विवाह रजिस्ट्रेशन नियम 2008 के अनुसार राज्य में भारत के नागरिकों के बीच किसी भी विधि या परंपरा के अनुसार सत्यापित की गई शादी का पंजीयन किया जाता है। विवाह पंजीयन नहीं होने पर विशेष तौर पर महिलाओं को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पति की मृत्यु के बाद उनको मिलने वाले स्वत्वों के भुगतान आदि में सबसे ज्यादा परेशानी आती है।
आर्थिक एवं सांख्यिकी आयुक्त विकास मिश्रा ने बताया कि शत प्रतिशत विवाह पंजीयन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सभी कलेक्टरों का ध्यान खास तौर पर आकृष्ट कराया गया है। जिलों में आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री निकाह योजना एवं अन्य सामूहिक विवाहों में कार्यक्रम स्थल पर ही विवाह प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने का सुझाव दिया गया है।
सार्वजनिक स्थलों, शादी हॉल और मैरिज गार्डन में इसके लिए खास कवायद की जा रही है। यहां विवाह पंजीयन करवाने संबंधी होर्डिंग लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। आयुक्त विकास मिश्रा के मुताबिक सामूहिक विवाह कराने वाली सभी संस्थाओं को जागरूकता बढ़ाने मुहिम में बढ़-चढकर हिस्सा लेने की अपील की है।
Updated on:
09 Nov 2025 09:10 pm
Published on:
09 Nov 2025 08:55 pm
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