
IMD Alert in MP Cold wave severe cold weather forecast(फोटो: सोशल मीडिया)
IMD Alert: मध्य प्रदेश में नवंबर की ने इस बार ऐसा रिकॉर्ड तोड़ा है कि एमपी सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। यहां 84 साल बाद नवंबर के महीने में 5.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। मौसम एक्सपर्ट का कहना है कि 84 साल का ये रिकॉर्ड मायने रखता है। इसका सीधा सा अर्थ है कि क्लाइमेट चेंज का असर अब मौसम को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। ये अध्ययन का विषय बन गया है।
बता दें कि इस बार रिकॉर्ड तोड़ मोड में एमपी में अचानक गिरते तापमान ने न सिर्फ जनजीवन प्रभावित किया है, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर स्कूलों तक पर इसका असर साफ देखा जा सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि कई शहरों में तापमान पिछले 10 सालों में पहली बार इतना नीचे आया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में न्यूनतम तापमान सामान्य से 4-6 डिग्री कम दर्ज हो रहा है। जो इस बार 5 से भी नीचे जा सकता है।
बता दें कि सर्द हवाएं, ठिठुरते लोगों के साथ ही कोहरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। #MPCOLDWAVE से ट्रेंड में आए एमपी की इन तस्वीरों में कई यूजर्स 'MP mini-kashmir मोड' कहकर कैप्शन लगा रहे हैं। इधर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडी उत्तरी हवाओं के सीधे प्रवेश ने नवंबर में ही कड़ाके की सर्दी के हालात बना दिए हैं।
प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में वायरल फीवर, खांसी-जुकाम, अस्थमा और हार्ट-पेशेंट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि त्वरित ठंड बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। राजधानी भोपाल के अस्पतालों के चिकित्सकों का कहना है कि 'पिछले तीन दिनों में OPD में सर्दी-खांसी के मरीज लगभग दोगुने हुए हैं।
एमपी के कई जिलों में हालात ये हैं कि अभिभावकों ने कई जिलों में प्रशासन से सुबह-सुबह चलने वाली शीतलहर को देखते हुए स्कूल टाइमिंग बदलने के साथ ही छुट्टी घोषित करने की मांग की है। कई निजी स्कूलों ने टाइमिंग बदलते हुए इसे 1 घंटे आगे बढ़ा दिया है और 8.30 बजे से इनमें कक्षाएं लगाई जा रही हैं। जबकि सरकारी स्कूलों में इसी को लेकर निर्देश जारी होने का इंतजार किया जा रहा है।
तेज ठंड और ओस ने रबी सीजन की फसलों, गेहूं, चना और प्याज पर जोखिम बढ़ा दिया है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार लंबे समय तक शीतलहर रहने पर फसल की बढ़त रुक सकती है। पाला पड़ा तो फसल नष्ट होने की टेंशन बढ़ेगी। उनका कहना है कि यदि तापमान लगातार 5 डिग्री के नीचे जाता रहा, तो गेहूं की फसल नमी के कारण प्रभावित हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 4-5 दिन में हालात और बिगड़ सकते हैं। 2019 की तरह इस बार भी नवंबर में ही कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। वहीं मौसम वैज्ञानिकों ने इसे 'weather anomaly' कहा है। इसका अर्थ है मौसम का सामान्य पैटर्न बदल रहा है। मौसम विभाग ने 19-20-21-22 तक मौसम ऐसा ही रहने और 23 नवंबर से कुछ राहत मिलने की संभावना जताई है।
-मध्यप्रदेश में cold-wave अलर्ट बढ़ सकता है
-स्कूल टाइमिंग बदलने पर आदेश के बाद छुट्टी पर भी किया जा सकता है विचार
-किसानों के लिए जल्द ही जारी की जाएगी एडवायजरी
-स्वास्थ्य विभाग ने इमरजेंसी व्यवस्था बढ़ाने के दिए निर्देश
-अगले 4 दिन तक मौसम में शीतलहर का कहर बना रहने की संभावना है।
कुल मिलाकर, MP इस समय सर्दी के सुपर-वेव में है और इसका असर आने वाले दिनों में और ज्यादा नजर आ सकता है। मौसम विभाग ने बच्चों, बुजुर्गों और श्वास संबंधी रोगियों को सर्द मौसम में सेहत का ख्याल रखने की सलाह दी है।
Updated on:
18 Nov 2025 03:31 pm
Published on:
18 Nov 2025 03:30 pm
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