
JRD Tata himself brought the plane to Indore Airport
JRD Tata- भारत रत्न से सम्मानित देश के प्रख्यात उद्योगपति स्वर्गीय जेआरडी टाटा की आज पुण्यतिथि है। इस मौके पर देश-दुनिया में औद्योगिक विकास में उनके योगदान को याद किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपति जेआरडी टाटा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि भारत में इंजीनियरिंग, होटल, वायुयान सहित अन्य उद्योगों के विकास में उद्योगपति स्वर्गीय जेआरडी टाटा का उल्लेखनीय योगदान रहा है। देश में औद्योगिक क्रांति लाने और उद्योग जगत की प्रगति के लिए उन्हें सदैव स्मरण किया जाएगा। खास बात यह है कि स्वर्गीय जेआरडी टाटा का एमपी से खास कनेक्शन था। उन्होंने न केवल इंदौर में एयरपोर्ट बनवाया बल्कि वे यहां विमान भी लेकर आए थे।
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अब 8 एयरपोर्ट से फ्लाइटें संचालित की जाने लगी हैं लेकिन इंदौर एयरपोर्ट (Indore Airport) की बात कुछ अलग ही है। यह प्रदेश का व्यस्ततम एयरपोर्ट है। इंदौर एयरपोर्ट से उड़ानों की संख्या अब 100 के करीब पहुंच गई है। प्रदेश का यह पहला एयरपोर्ट है जहां से डायरेक्ट इंटरनेशनल फ्लाइट प्रारंभ हुई।
इंदौर एयरपोर्ट का इतिहास स्वर्गीय जेआरडी टाटा से जुड़ा है। उनकी कंपनी टाटा एंड संस ने ही 1934 में एयरपोर्ट की नींव रखी थी। यह विशाल एयरपोर्ट 3 साल में बनकर तैयार हो गया। इंदौर एयरपोर्ट के निर्माण में तब महज 1.84 लाख रुपए खर्च हुए थे। जब यहां पहली बार विमान आया तो बड़ी संख्या में लोग एयरपोर्ट के आसपास एकत्रित हो गए थे। विमान को लोगों ने उड़ती चिड़िया का नाम दिया जिसे देखने के लिए भीड़ लग जाती थी।
खास बात यह है कि जेआरडी टाटा ने न केवल इंदौर एयरपोर्ट का निर्माण कराया बल्कि यहां पहली बार विमान भी वही लेकर आए। 7 दिसंबर 1937 को वे इंदौर में एयरपोर्ट पर विमान लेकर उतरे थे। टाटा एयरलाइंस ने इसी साल बंबई (मुंबई), इंदौर-दिल्ली के बीच फ्लाइट भी शुरु कर दी थी।
टाटा संस का यह एयरपोर्ट 1 अप्रैल 1950 को भारत सरकार के अधीन आ गया। 1981 में इंदौर एयरपोर्ट पर इंडियन एयरलाइंस के बोइंग विमान आए। 1982 से यहां से नियमित उड़ानों की शुरुआत हुई और दिल्ली, मुंबई के लिए डेली फ्लाइट मिलने लगीं।
Published on:
29 Nov 2025 04:27 pm
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