MBA- देश-दुनिया की तरह मध्यप्रदेश में भी पारंपरिक बीए, बीकाम जैसे डिग्री कोर्सों की प्रासंगिकता कम होती जा रही है। व्यवसायिकता के दौर में प्रोफेशनल कोर्सेस की डिमांड ही है। मैनेजमेंट कोर्स में जॉब्स की संभावनाएं ज्यादा है इसलिए सरकार भी इसपर फोकस कर रही है। बहुचर्चित कोर्स एमबीए यानि मास्टर इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन भी इनमें से एक है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ क्षेत्रों में तो एमबीए स्नातक को 7 लाख रुपए प्रति वर्ष तक वेतन मिल सकता है। युवाओं के केरियर की राह खोलने के लिए प्रदेश में एमबीए सहित अन्य मैनेजमेंट कोर्स में एक और प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
एक वैश्विक सर्वे में बताया गया है कि भारत में स्नातक स्तर के अध्ययन के लिए एमबीए सबसे लोकप्रिय विकल्प है ।'
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एमबीए स्नातकों की रोजगार क्षमता 54 प्रतिशत है, जोकि विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सबसे अधिक है। यही वजह है कि एमपी में इस कोर्स पर सरकार का भी फोकस है।
मास्टर इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन यानि एमबीए बहुचर्चित कोर्स है। यह दो वर्षीय व्यावसायिक स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स बेहतर करियर के अवसर मुहैया कराती है। एमबीए डिग्री धारक प्रबंधन, वित्त, विपणन और संचालन आदि सेवाओं में खासा वेतन दिला सकता है। वित्त, स्वास्थ्य सेवा, ई-कॉमर्स और परामर्श जैसे क्षेत्रों में एमबीए स्नातक का शुरुआती वेतन 3 लाख रुपए से लेकर 7 लाख रुपए प्रति वर्ष तक हो सकता है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विस, विप्रो, डेलोइट, अमेज़न, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, माइक्रोसॉफ्ट, रिलायंस आदि कंपनियों में एमबीए स्नातकों को भर्ती के अच्छे अवसर होते हैं। इस क्षेत्र के अनुभवी युवाओं को एसोसिएट्स और असिस्टेंट मैनेजर जैसे उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता है। इन पदों पर नियुक्ति पर वेतन में भी खासी वृद्धि हो सकती है। हालांकि इसके लिए वित्तीय सिद्धांतों और बाज़ार की गहरी समझ तथा विश्लेषणात्मक कौशल जरूरी है।
एमपी में युवाओं को बिजनेस ऑपरेशन मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजर, ऑपरेशन रिसर्च एनालिस्ट, मैनेजमेंट एनालिस्ट जैसे 'हॉट जॉब' लुभा रहे हैं। इस वजह से प्रदेश में इंजीनियरिंग कोर्स के हाल बेहद खराब हो गए हैं। राज्य में कुल 73412 सीटें हैं। इनमें प्रवेश के लिए दो चरणों की काउंसलिंग हो चुकी है लेकिन अभी तक सिर्फ 32743 सीटें ही भर सकी हैं। इस प्रकार प्रदेश के 124 इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब 40 हजार सीटें खाली पड़ी हैं।
एमबीए की उपयोगिता के साथ ही प्रदेश में एमसीए, बीबीए और बीसीए जैसे कोर्सों में भी युवाओं को प्रवेश दिलाने की कवायद की जा रही है। राज्य में एमबीए की कुल 28770 सीटें हैं। इनमें से 12000 सीटे भर चुकी हैं। अब शेष सीटों पर प्रवेश के लिए युवाओं को एक और मौका दिया जा रहा है। एमबीए में प्रवेश के लिए तीन चरणों में CLC प्रक्रिया चलाई जाएगी। यह प्रक्रिया एमबीए के साथ ही एमसीए, बीबीए और बीसीए कोर्सों के लिए भी लागू होगी।
प्रदेशभर में एमबीए, एमसीए, बीबीए और बीसीए कोर्सों के लिए पर्याप्त सीटें हैं। MBA कोर्स की जहां 16000 सीटें खाली हैं वहीं MCA की 1500, BBA की करीब 19 हजार और BCA की करीब 7 हजार सीटों पर प्रवेश लिया जा सकता है। प्राप्त आंकडों के अनुसार प्रदेश में MCA की कुल 4345 सीटें, BBA की 30355 और BCA की 13542 सीटें हैं।
पहली CLC: रजिस्ट्रेशन का काम पूर्ण हो चुका है।
दूसरी CLC: 7 से 10 अगस्त तक पंजीयन, 11 अगस्त को कॉलेज में उपस्थित होकर प्रवेश
तीसरी CLC: 12 से 14 अगस्त तक पंजीयन और फीस जमा कर प्रवेश
Updated on:
06 Aug 2025 08:14 pm
Published on:
06 Aug 2025 08:10 pm