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1-5 दिसंबर मंत्रियों की परीक्षा, 9 दिसंबर को खजुराहो में कैबिनेट बैठक में सीएम देंगे नंबर

MP Cabinet in Khajuraho: मध्य प्रदेश के मंत्रियों ने कैसा काम किया? सीएम मोहन यादव करेंगे समीक्षा, 1 से 5 दिसंबर तक आयोजित होंगी ये बैठकें, दिसंबर में डेस्टिनेशन कैबिनेट में सुनाएंगे रिजल्ट, जानना होगा दिलचस्प किन मंत्रियों को मिलेगा सरकार में रहने का मौका, किन की होगी छुट्टी...

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MP Cabinet in Khajuraho held on 8 to 9 December

MP Cabinet in Khajuraho held on 8 to 9 December(फोटो: सोशल मीडिया)

MP Cabinet in Khajuraho: मंत्रियों ने दो साल के कार्यकाल में अपने विभागों के जरिए मध्यप्रदेश की जनता को क्या दिया, इसकी समीक्षा की तारीख आ गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 1 से 5 दिसंबर के बीच सभी विभागों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद खजुराहो में 8-9 दिसंबर को विभागों की बैठक होगी। कैबिनेट की 9 दिसंबर की बैठक भी वहीं होगी। माना जा रहा है कि इसी समीक्षा के बाद कौन सरकार में रहेगा और किसका पत्ता कट होगा, इसकी रणनीति तय होगी। सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में मंत्रीमंडल में बदलाव की चर्चा है। संभवत: समीक्षा में सामने आए परफॉर्मेंस को आधार बनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने खुद मंत्रियों को समीक्षा की तारीख बताई। समीक्षा में मुख्य सचिव अनुराग जैन के अलावा विभागों के अपर मुख्य सचिव व सचिव भी शामिल होंगे। विभागों की ओर से प्रेजेंटेशन देना होगा। हालांकि सरकार ने दो दिनी बैठक मंत्रियों के कामों की समीक्षा के बजाय विभागों की समीक्षा बैठक नाम दिया है।

गीता जयंती पर पाठ

मंगलवार को कैबिनेट बैठक में सीएम ने मंत्रियों से चर्चा में बताया कि इस साल भी एक दिसंबर को गीता जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। कुरुक्षेत्र में 24 नवंबर से 1 दिसंबर की अवधि में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव हो रहा है। इसमें मध्यप्रदेश हिस्सा ले रहा है। जय श्रीकृष्णा नृत्य नाट्य, श्रीकृष्ण लीला, कृष्णायन, जनजातीय एवं लोकनृत्य, चित्र प्रदर्शनी इत्यादि विभिन्न कार्यक्रम होंगे। प्रदेश के 313 विकासखंडों, 55 जिला मुख्यालय एवं 10 संभागों में श्रीकृष्ण परंपरा के आचार्यों की सन्निधि में 3 लाख गीता प्रेमी श्रीमद् भागवत गीता के 15 वें अध्याय के श्लोक का सस्वर पाठ करेंगे। कार्यक्रमों में गीता ज्ञान प्रतियोगिता, कृष्णायन-नृत्य नाटिका आदि का भी प्रदर्शन होगा।

ये हो सकते हैं मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा के कुछ पैरामीटर

-मंत्रियों को जो विभाग बांटे हैं, उनमें कितने नवाचार हुए।

-केंद्रीय और राज्य की योजनाओं में कितनी प्रगति। अन्य राज्यों की तुलना में मप्र कहां।

-किन विभागों की कितनी शिकायतें आ रहीं। दो वर्ष में कम हुई या बढ़ीं, क्या कारण रहा।

-प्रभार के जिलों में कौन सी बड़ी घटनाएं हुंईं। वजह?

-ऐसी घटनाओं को क्या रोका जा सकता था, यदि हां तो मंत्रियों व अधिकारियों ने क्या प्रयास किए, नहीं किए तो क्यों नहीं?

-विभागों के राजस्व में कितनी बढ़ोतरी हुई, यदि नहीं हुईतो कहां कमी रही, कोईप्रयास किए गए या नहीं?

-विभागों का कामकाज कैसा चला, कोई बड़ी नाराजगी तो नहीं आई, यदि आई तो उसकाक्या निराकरण किया?

-प्रभार के जिलों में मंत्रियों और विभाग प्रमुखों कीसक्रियता कितनी रही?

-खुद की विधानसभा के अलावा प्रभार वाले जिलों में दो साल में किस मंत्री ने कितने कार्यक्रम किए। इस दौरानक्या हासिल हुआ?

2025 के अंत की सबसे आखिरी डेस्टिनेशन कैबिनेट बैठक

समीक्षा के दौरान खजुराहो में ही 9 दिसंबर को कैबिनेट बैठक भी होगी। इसमें बुंदेलखंड के विकास से जुड़े कई निर्णय लिए जा सकते हैं। यह वर्ष 2025 के अंत की सबसे आखिरी डेस्टिनेशन कैबिनेट बैठक होगी। इसके पहले सिंग्रामपुर, राजबाड़ा और महेश्वर में भी कैबिनेट बैठक हो चुकी है। यह कैबिनेट बैठक केन-बेतवा लिंक परियोजना और बुंदेलखंड के विकास को समर्पित होगी।