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सरकारी नौकरी में तीसरा बच्चा! मोहन सरकार बदलने जा रही नियम, हजारों कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

MP News: मध्य प्रदेश सरकार की बड़ी तैयारी, सरकारी कर्मचारी को तीसरा बच्चा तो... जानें क्या है सरकार की तैयारी, हजारों कर्मचारियों-अधिकारियों को कैसे मिलेगा लाभ...

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MP News Government will change the third child rule for employees officers

MP News Government will change the third child rule for employees officers(फोटो: सोशल मीडया)

MP News: मध्यप्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारियों पर तीसरा बच्चा होने की अपात्रता शर्त हटाने की तैयारी में है। मोहन सरकार का यह फैसला उस वक्त सामने आया है जब, हाल ही में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी परिवारों को तीन बच्चे रखने की सलाह दी है। भागवत ने कहा था कि समाज का संतुलन बनाए रखने के लिए परिवार में तीन बच्चे होना बेहतर हैं।

जानें क्या है सरकार की तैयारी

दरअसल मध्य प्रदेश सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिसके मुताबिक सरकारी नौकरी कर रहे किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के यहां तीसरा बच्चा जन्म लेता है, तो उसे सरकारी नौकरी के लिए अपात्र मानकर हटाया नहीं जाएगा।

26 जनवरी 2001 से लागू था अपात्रता का ये नियम

दरअसल 26 जनवरी 2001 में सरकारी नौकरी को लेकर एक शर्त लागू की गई थी। इसके मुताबिक तीसरा बच्चा होने पर उसके माता या पिता या दोनों जो सरकारी नौकरी में हैं उन्हें इसके अयोग्य या अपात्र माना जाएगा। इस नियम के तहत कई विभागों पर कार्रवाई भी की गई थी। लेकिन अब मोहन सरकार इस नियम को बदलने जा रही है।

इन राज्यों में पहले से ही बदला जा चुका है नियम

ये नियम बदलने वाला एमपी पहला राज्य नहीं होगा। इससे पहले छत्तीसगढ़, राजस्थान समेत कई राज्यों में इस शर्त को पहले ही हटाया जा चुका है। अब मध्य प्रदेश सरकार भी ये कदम उठाने जा रही है। नया नियम लागू होने के बाद प्रदेश के हजारों कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है।

किन्हें मिलेगा लाभ

मोहन सरकार के इस कदम से स्कूल से लेकर, चिकित्सा शिक्षा सहित अन्य सरकारी विभागों के अफसरों और कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि जिन पर कार्रवाई हो चुकी है, उन मामलों में किसी भी तरह की उम्मीद या राहत की कोई गुंजाइश नहीं है। क्योंकि ये निर्णय भूतलक्षी प्रभाव पर लागू नहीं किया जाएगा। यानी जिन पर तीसरे बच्चे को लेकर कार्रवाई हो चुकी है, ऐसे मामले दोबारा नहीं खोले जाएंगे।

-स्कूल शिक्षा

-उच्च शिक्षा

- चिकित्सा शिक्षा

- स्वास्थ्य विभाग

-पुलिस एवं होम गार्ड

-पंचायत एवं ग्रामीण विकास

- राजस्व विभाग

-अन्य सभी सरकारी विभाग इस नियम के दायरे में आएंगे।

परिवार नीति के आधुनिक परिप्रेक्ष्य को ध्यान रखते हुए तैयार किया है नियम

GAD के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक यह संशोधन परिवार नीति के आधुनिक परिप्रेक्ष्य को ध्यान रखते हुए तैयार किया गया है।

जल्द आएगा कैबिनेट का अंतरिम फैसला

सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर कैबिनेट में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह नियम औपचारिक रूप से प्रदेश भर में लागू कर दिया जाएगा।