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पता चलेगा कहां तक है बड़ा तालाब, कहां अतिक्रमण, NGT ने लगाई फटकार, अब जल्द होगी कार्रवाई

MP News: एनजीटी का निर्देश, बड़ा तालाब का बेसलाइन सर्वे शुरू, खानूगांव से 200 मीटर आगे तक किया सीमांकन...

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NGT Order Issue to remove encroachment from upper lake Bhopal

NGT Order Issue to remove encroachment from upper lake Bhopal(Photo:SocialMedia)

MP News: बड़ा तालाब की सीमा कहां तक है? इसका दायरा अब कितना बचा है? इस सवाल का जवाब जल्द ही मिलेगा। एनजीटी के निर्देश पर बड़ा तालाब का बेसलाइन सर्वे शुरू किया गया है। नगर निगम के आवेदन पर प्रशासन की टीम पटवारियों के साथ सीमांकन करने निकली है। बुधवार को खानूगांव से करीब 200 मीटर आगे तक सीमांकन किया गया। हालिया बारिश से दलदली क्षेत्र बन गया, जिससे आगे पैदल जाना मुश्किल हो रहा था।

ऐसे में महज एक घंटे ही काम हुआ अब आगामी दिनों में बारिश नहीं हुई तो काम में तेजी आएगी। टीम बैरागढ़ नजूल क्षेत्र की टीम भौंरी तक सर्वे करेगी। ये सर्वे रेतघाट से शुरू किया गया था जो खानूगांव तक पहुंचा और अब इसे यहां से आगे बढ़ाना है।

बड़ा तालाब बचाने मामले पर एनजीटी में हुई सुनवाई

बड़ा तालाब (Upper Lake) में अतिक्रमण (Encroachment) रोकने और गंदे पानी को मिलने से रोकने के मामले में एनजीटी (NGT) ने सुनवाई की। तालाब में गंदे पानी को मिलने से अब तक नहीं रोका जा सका है। इस पर एनजीटी ने अधिकारियों को फटकार लगाई। बुधवार को बड़ा तालाब मामले पर एनजीटी में सुनवाई हुई है। अधिवक्ता धरमवीर शर्मा ने याचिकर्ता की ओर से पक्ष रखा है। इन्होंने बताया कि शहर में सीवरेज प्लांट लगाने के मामले में निगम अधिकारियों ने वक्त मांगा। मामले में संयुक्त समिति आगे रिपोर्ट देगी। इस समिति में प्रशासन, नगर निगम, पीसीबी सहित अन्य विभाग शामिल हैं। नैनो बबल टेक्नॉलॉजी से सुधार सकते हैं तालाब, एनजीटी एक्सपर्ट ने सुझाया

वक्फ बोर्ड ने रखा पक्ष

वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ने भी पक्ष रखा। भदभदा के पास धार्मिक स्थल को लेकर मामला आ रहा है। यह वक्फ बोर्ड के पास है। देर से पक्ष रखने पर एनजीटी ने नाराजगी जाहिर की गई।

अभी सिर्फ एफटीएल पर ही फोकस

नायब तहसीलदार दिनकर चतुर्वेदी का कहना कि अभी टीम सिर्फ तालाब (Upper Lake) की बेसलाइन यानी एफटीएल पर फोकस कर रही है। इसके किनारे क्या निर्माण है, किस तरह की स्थिति है, ये उनकी लिस्ट में नहीं है। बेसलाइन सर्वे के लिए टीएंडसीपी ने नगर निगम को तालाब का मैप दिया है। टीएंडसीपी व राजस्व नक्शे में कई जगह अलग-अलग स्थिति बन रही, लेकिन वे राजस्व सीमा को ही तय कर रहे। बताया जा रहा है कि 94 गांवों में बड़ा तालाब की सीमा है। इनसे जुड़े 27 पटवारियों को टीम में शामिल (Encroachment) किया गया है।

क माह में दें जवाब-पूरे शहर में कितने पेड़ कटे

शहर से लगातार कट रहे पेड़ों पर एनजीटी ने नगर निगम से रिपोर्ट मांगी है। एनजीटी ने पूछा कि पांच साल में कितने पेड़ों को काटने की अनुमति है। इसके बदले कितनी राशि वसूली। लगाए गए पेड़ों की संख्या कितनी है। अवधपुरी में 47 पेड़ों की कटाई के मामले में किशोर हसानी ने याचिका दायर की है। मामले में संयुक्त कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए है। इस कमेटी में नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग और प्रशासन को शामिल किया गया है। एनजीटी ने संयुक्त समिति बनाई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रशासन, वन विभाग नगर निगम सहित दूसरे विभाग शामिल हैं।

हरियाली 4 प्रतिशत बाकी, कोर्ट में पत्रिका की रिपोर्ट का हवाला

पेड़ों की कटाई से शहर में हरियाली के प्रतिशत पर पत्रिका की रिपोर्ट का हवाला दिया गया। पत्रिका में प्रकाशित खबर के हवाले से उल्लेख किया गया 1990 में यह 66 प्रतिशत थी। साल 2011 में यह घटकर 18 प्रतिशत बाकी बची।

बड़े तालाब को लेकर एनजीटी के निर्देश

-एनजीटी ने फुल टैंक लेवल यानी तालाब (Upper Lake) के अधिकतम जलस्तर के दायरे को स्पष्ट रूप से निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। इसके आधार पर ही एफटीएल से 50 मीटर के दायरे में आने वाले निर्माणों की सही पहचान की जा सकेगी।

-इस सर्वे से यह पता लगेगा कि तालाब के किनारे कितने मैरिज गार्डन, फैक्टरी, कॉलेज, स्कूल, फार्म हाउस या घर बने हैं और इनमें से कितने तालाब की जद में आ रहे हैं।

-सीमांकन के बाद, चिन्हित किए गए सभी अवैध निर्माण विशेषकर एफटीएल से 50 मीटर के दायरे वालों को हटाने की कार्रवाई के आदेश दिए है।