Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी के नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता पर NSUI ने उठाए सवाल, कहा- ‘किस आधार पर दे दी गई मान्यता’

MP News: मध्यप्रदेश में नर्सिंग शिक्षा को लेकर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं।

2 min read
mp news

MP News: मध्यप्रदेश में एक बार फिर से नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता सवालों के घेरे में आ गई है। राज्य के 17 सरकारी कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई है। इसी को लेकर एनएसयूआई ने प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता और भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

दरअसल, सत्र 2025-26 सत्र में कुल 33 नए नर्सिंग कॉलेज और 360 पुराने नर्सिंग कॉलेजों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किए थे। इसमें लगभग 21 शासकीय नर्सिंग कॉलेज शामिल थे, लेकिन नर्सिंग काउंसिल ने सिर्फ 4 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों को ही मान्यता दी है। जबकि 17 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई।

सबसे हैरानी वाली इसमें यह है कि मान्यता दिए गए कॉलेजों में भोपाल के BMHRC) और पंडित खुशीलाल नर्सिंग कॉलेज को मान्यता नहीं मिली।

NSUI प्रदेशाध्यक्ष रवि परमार ने नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार पर आर्थिक लाभ अर्जित कर फर्जी प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने का आरोप लगाते हुए कहा ऐसे कालेज जिनमें गंभीर अनियमितताएं हैं। यहीं जिन कालेजों में फैकल्टियां सिर्फ कागजों में उन नर्सिंग कालेजों को रजिस्ट्रार मुकेश सिंह द्वारा मान्यता जारी कर दी ।

साथ ही रवि परमार ने कहा कि डिप्टी सीएम और चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला की भूमिका भी मान्यता को लेकर संदेह के घेरे में हैं। कहीं ना कहीं एक बड़े फर्जीवाड़े की पुनरावृति शासन और प्रशासन द्वारा की जा रही है जिसकी हम विस्तृत शिकायत सीबीआई से करेंगे साथ ही हाईकोर्ट को भी अवगत करवाएंगे की फर्जी कालेजों की शिकायतों के बावजूद मान्यता किस आधार पर दे दी गई।‌

क्या है एनएसयूआई की मांगे

एनएसयूआई की मांगें है कि प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए। फर्जी फैकल्टी और नियमों का उल्लंघन करने वाले निजी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता तत्काल रद्द की जाए और नर्सिंग कॉलेज घोटाले की निष्पक्ष जांच की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।