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NCRB Report 2023 : ‘लाड़ली’ के प्रदेश से गुम हो रही बेटियां, बच्चों के लिए बना सबसे असुरक्षित राज्य

NCRB Report 2023 : साल 2023 में देश में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1.77 लाख मामले दर्ज हुए। इनमें एमपी 22,393 मामलों के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर है, ज्‍यादातर मामलों में आरोपी बच्चे के जानकार पाए गए हैं।

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भोपाल

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Faiz Mubarak

Oct 01, 2025

NCRB Report 2023

NCRB की रिपोर्ट जारी (Photo Source- Patrika)

NCRB Report 2023 : लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहनों का है मध्य प्रदेश। इस वर्ग के लिए देश के साथ साथ विशेषकर एमपी में कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं। इसके विपरीत स्याह पहलू ये भी है कि, मध्य प्रदेश ही देशभर में वो राज्य है, जहां बच्चियां सुरक्षित नहीं कही जा सकतीं, क्योंकि यहां वो बड़ी संख्या में लापता हो रही हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की क्राइम इन इंडिया 2023 की ताजा रिपोर्ट ने जो खुलासा किया है, वो सरकारी दावों के विपरीत बेहद चौंकाने वाला है।

एनसीआरबी 2023 के आंकड़ों को प्रदर्शित करती हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कुल 16,017 नाबालिग बच्चे प्रदेश में लापता हुए हैं। इनमें 12,542 लड़कियां और 3475 लड़के हैं। इनका अभी तक न तो पुलिस पता लगा पाई है और न उन्हें बरामद किया जा सका है। हालांकि, इससे भी भयावह स्थिति पश्चिम बंगाल की है, जहां 21,661 बच्चे लापता हैं। ये आंकड़ा देश में सबसे ज्यादा है।

शीर्ष पांच राज्य: लापता नाबालिग

मध्य प्रदेश में नाबालिग बच्चों के गायब होने का मामला कितना चिंताजनक है इसका अंदाजा 2023 के आंकड़ों से लगाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार कुल 12,091 नाबालिग बच्चे लापता हुए। इनमें 9,625 बच्चियां और 2466 बच्चे हैं। इससे पहले गुम हुए 3926 बच्चों का कोई सुराग नहीं लगा है। इनमें 2917 लड़कियां हैं। नाबालिग लड़कों के मुकाबले लड़कियों के गायब होने की संख्या ज्यादा है। ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है।

लापता लोगों वाले शीर्ष राज्यों में भी एमपी शामिल

मध्य प्रदेश सिर्फ नाबालिग लड़के-लड़कियों के लापता होने के मामले में ही नहीं, बल्कि लापता व्यक्तियों की सूची में भी शीर्ष राज्यों में शुमार है। प्रदेश में कुल 105,714 लोग लापता हैं। इनमें 74,102 महिलाएं और 31,612 पुरुष हैं। इस श्रेणी में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है। पश्चिम बंगाल से 1.20 लाख तो महाराष्ट्र से कुल 1.22 लाख लोग लापता हैं।

देश में 7.2 फीसदी बढ़े अपराध

-देश में 2022 की तुलना में 2023 में 7.2 फीसदी से अधिक अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 2023 में 62, 41, 569 मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि ये आंकड़ा 2022 में 58, 24, 946 था।

-इस दौरान सबसे अधिक 31 फीसदी बढ़ोतरी साइबर अपराध में हुई है। एनसीआरबी के मुताबिक, 2023 में साइबर अपराध के 86,420 मामले सामने आए, जबकि 2022 में यह संख्या 65,893 थी।

-देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी खासी बढ़ोतरी हुई है। अपहरण, सड़क हादसों और हिट एंड रन के मामले भी बढ़े हैं। हालांकि, हत्या के मामलों में कमी आई है।

-देश में हर घंटे बलात्कार और हत्या की 3 घटनाएं हो रही हैं। हत्या के 27,721 मामले सामने आए। 2022 में हत्या के 28, 522 मामले सामने आए थे। साफ है कि, हत्या के मामलों में 2.8 फीसदी की कमी आई।

-खास बात ये है कि, अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध के मामलों में 28.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2022 में ऐसे मामलों की संख्या 10,064 थी, जो 2023 में बढ़कर 12,960 हो गई है।

आपराधिक मामलों में भी एमपी टॉप-5 में

कुल आपराधिक मामलों में 2023 में सर्वाधिक यूपी में 793020 केस, महाराष्ट्र में 596103, तीसरे स्थान पर केरल में 584373 मामले दर्ज हुए। एमपी में 495708, राजस्थान में 317480 और छत्तीसगढ़ में 115493 मामले दर्ज हुए। 19 मेट्रो शहरों की तुलना में दिल्ली में दहेज हत्या के 114, रेप के 1088 केस दर्ज हुए। पति द्वारा क्रूरता के 4219 मामले दर्ज हुए।

एसटी वर्ग पर अपराध में मणिपुर के बाद नंबर

आदिवासियों के खिलाफ देश में 2023 में 28.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 12,960 मामले दर्ज हुए। 2022 में 10,064 मामले आए थे। मणिपुर में 2022 में एक केस दर्ज किया गया था। 2023 में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई। 3,399 केस दर्ज हुए। राज्य में मई 2023 से मै तेई और कुकी दो समुदायों के बीच हिंसा जारी है। मध्य प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के 2,858 केस आए। 2022 में 2,979, 2021 में 2,627 थे। राजस्थान में 2023 में 2,453 केस दर्ज हुए। 2022 में 2,521 व 2021 में 2,121 थे।

अपराध-----2022-----2023-----(घटत-बढ़त)

-कुल अपराध(आइपीसी,एसएसएल)---58,24,946---62,41,569---7.2% (बढ़े)

-महिलाओं के विरुद्ध अपराध---4,45,256---4,48,211---0.7% (बढ़े)

-अनुसूचित जाति के खिलाफ---57,582---57,789---0.4% (बढ़े)

-अनुसूचित जन जाति के खिलाफ---10,064---12,960---28.8% (बढ़े)

-बच्चों के खिलाफ अपराध---1,62,449---1,77,335---9.2% (बढ़े)

-वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध---28,545---27,886--- -2.3% (घटे)

-आर्थिक अपराध---1,93,385---2,04,973---6.0% (बढ़े)

-साइबर क्राइम---65,893---86,420---31.2% (बढ़े)

-सार्वजनिक रास्ता रोकने के मामले---93,548---1,51,469---61.7% (बढ़े)

-मिसिंग पर्सन्स---4,42,572---4,84,584---9.5% (बढ़े)

-मिसिंग चिल्ड्रन्स---83,350---91,296---9.5% (बढ़े)

-पर्यावरण अपराध---52,920---68,994---30.4% (बढ़े)

-हत्या---28,522---27,721--- -2.8% (घटे)

4 साल में 58 हजार

मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने बताया था कि, बीते 4 साल की अवधि में राज्य में 58 हजार बच्चे गायब हुए हैं। इनमें 47 हजार लड़कियां और 11 हजार लड़के हैं। चिंतानजक स्थिति इंदौर, धार, जबलपुर, भोपाल और सागर जिले में है।

सड़क हादसों में बढ़ोतरी

देश में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.73 लाख से अधिक लोग मारे गए हैं। इनमें 4,47,969 लोग जख्मी हुए हैं। इनमें से 45.8 फीसदी मामले दोपहिया वाहन से जुड़े थे। करीब 4,64,029 दुर्घटनाओं में से 95,984, घटनाएं शाम 6 से रात 9 बजे के बीच हुईं, जो कुल दुर्घटनाओं का 20.7 फीसदी है।

महिलाओं से अपराध बढ़े

वहीं, 2023 में देश में महिलाओं के खिलाफ 4,48,211 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें 2022 की तुलना में मामूली बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 66,381 मामले समाने आए। उसके बाद महाराष्ट्र में 47101 और फिर राजस्थान में 45450 मामले दर्ज हुए हैं।