
(सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: सोलर पैनल से ज्यादा बिजली उत्पादित जगह कम है तो परेशान न हों। जल्द ही आपको टैंडम सोलर सेल वाले पैनल उपलब्ध हो जाएंगे। एक-दूसरे पर स्टैक वाले यानी एक पर दूसरी परत वाले ये पैनल जगह भी कम लेंगे। भोपाल में 900 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से उत्पादन का लक्ष्य है। नए जमाने के सेल इसमें मददगार होंगे।
हाल में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने विशेषज्ञों के साथ वर्कशॉप की। इन पर आइआइटी मुंबई, आइआइटी दिल्ली, रुड़की, भिलाई रिसर्च कर रहे हैं। सामान्य सेल 18 से 24 फीसदी तक सौर ऊर्जा को बिजली में बदलते हैं। टैंडम सेल 30 फीसदी प्रकाश को बिजली में बदल देंगे।
कंपनी पीएम सूर्यघर योजना की सब्सिडी के साथ उपभोक्ताओं के यहां सोलर पैनल स्थापित करवा रही है। वेंडर्स और उपभोक्ता के बीच टीम काम कर रही है। -क्षितिज सिंघल, एमडी, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी
विशेष प्रकार के सौर उपकरण टैंडम सौर सेल सौर स्पेक्ट्रम का बेहतर ढंग से उपयोग करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये कई सब-सेल को एक-दूसरे पर स्टैक कर जमा करके बनाए जाते हैं। हर सब-सेल को एक अलग बैंडगैप सामग्री का उपयोग कर बनाया जाता है, जो यह तय करती है कि वह प्रकाश के स्पेक्ट्रम की किस रेंज को कुशलतापूर्वक अवशोषित कर सकती है। इससे सुनिश्चित होता है कि सूर्य के प्रकाश का अधिकतम संभव हिस्सा बिजली में परिवर्तित हो जाए।
भोपाल नगर निगम और बिजली कंपनी को शासन ने 25 हजार छतों पर सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य दिया है। अभी 2000 छतों पर ही लग पाए हैं। तीन मेगावाट ही बिजली सोलर से बन रही है। निगम ने 35 मेगावाट के प्लांट स्थापित कराएं, लेकिन वे शहर से 500 किमी दूर नीमच जिले में है। भेल का भी सबसे बड़ा प्लांट है।
Published on:
06 Oct 2025 12:15 pm
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