MP CS- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मुख्य सचिव- सीएस को पत्र लिखा है। सागर जिले में अवैध खनन से एक बच्चे को करंट लगने के मामले में यह नोटिस जारी किया गया है। परिजनों ने प्रदेश के पूर्व मंत्री व विधायक भूपेंद्र सिंह ठाकुर और उनके रिश्तेदार लखन सिंह ठाकुर पर अवैध खनन का आरोप लगाया था। मामले में शिकायत के बाद भी FIR दर्ज नहीं की गई। आयोग ने केस की जांच की तो पता चला कि पुलिस और प्रशासन पांच माह तक टालमटोल करते रहे पर केस दर्ज नहीं किया। इसपर आयोग ने गुस्सा जताते हुए सीएस से जवाब तलब किया है। मामले में सागर कलेक्टर संदीप जीआर और एसपी विकास सहवाल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए हैं। आयोग ने सागर कलेक्टर के विरुद्ध डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग) में कार्रवाई के लिए पत्र लिखने को कहा है।
सागर के 14 साल के मानस शुक्ला को हाई-टेंशन बिजली के तार से करंट लगा जिससे उसे एक हाथ गंवाना पड़ा। परिजनों ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक भूपेंद्र सिंह ठाकुर और उनके रिश्तेदार लखन सिंह ठाकुर द्वारा खनन किया जा रहा था। शिकायत के बाद भी FIR दर्ज नहीं की गई। इस बीच शिकायकर्ता को झूठे केस में फंसाने और जान से मारने की कोशिश और धमकी देने की भी बात सामने आई।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की जांच में पुलिस और प्रशासन की टालमटोल सामने आ गई। 5 माह तक FIR दर्ज नहीं किए जाने पर आयोग ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे सत्ता के दुरुपयोग और भरोसे से खिलवाड़ का केस बताया। आयोग ने सरकार से FIR दर्ज नहीं करने और कार्रवाई रोकने की वजह भी पूछी है। मामले में सरकार से 23 अगस्त तक जवाब मांगा गया है।
आयोग के सख्त रुख के कारण सागर कलेक्टर पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार से पूछा कि आखिर वह क्यों न भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय को यह अनुशंसा करे कि सागर कलेक्टर पर कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने आवश्यक कानूनी कार्रवाई नहीं की।
Updated on:
23 Aug 2025 06:39 pm
Published on:
23 Aug 2025 06:00 pm