11 अगस्त 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

एक्टर सैफ अली खान की भोपाल की पुश्तैनी संपत्ति विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Saif Ali khan- बॉलीवुड के एक्टर सैफ अली खान की भोपाल की पुश्तैनी संपत्ति विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है।

Supreme Court's decision on actor Saif Ali Khan's property dispute in Bhopal
Supreme Court's decision on actor Saif Ali Khan's property dispute in Bhopal

Saif Ali khan- बॉलीवुड के एक्टर सैफ अली खान की भोपाल की पुश्तैनी संपत्ति विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में एमपी हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इससे सैफ अली खान को खासी राहत मिली है। एमपी हाईकोर्ट ने सैफ अली खान की पुश्तैनी संपत्ति के विवाद पर ट्रॉयल कोर्ट को नए सिरे से सुनवाई करने को कहा था। सैफ और उनके परिवार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।

भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्लाह खान की मौत के बाद उनकी बड़ी बेगम की बेटी साजिदा कानूनी उत्तराधिकारी बनी थीं। भारत सरकार ने सन 1961 में आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा की थी। साजिदा की शादी पटौदी रियासत के नवाब इफ्तिखार अली खान से हुई थी। इस प्रकार वे सैफ अली खान की परदादी थीं। साजिदा के बेटे मंसूर अली खान पटौदी और फिर उनके बेटे सैफ अली को भोपाल की पुश्तैनी संपत्ति का वारिस माना गया।

संपत्ति की कुल कीमत करीब 15 हजार करोड़

भोपाल नवाब के वारिसों की अरबों की संपत्ति है। इनमें भव्य अहमदाबाद पैलेस भी शामिल है। नवाब के नाम हजारों एकड़ जमीन है। बताया जाता है कि संपत्ति की कुल कीमत करीब 15 हजार करोड़ रुपए है।

भोपाल की पुश्तैनी संपत्ति के मामले में करीब 25 साल पहले सन 2000 में बेगम सुरैया, नवाबजादी कमर ताज राबिया सुल्तान, नवाब मेहर ताज साजिदा सुल्तान और बेगम मेहर ताज नवाब साजिदा सुल्तान ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। केस में सैफ अली खान सहित उनके क्रिकेटर पिता नवाब मंसूर अली खान पटौदी, मां शर्मिला टैगोर, सैफ की बहन सबा सुल्तान और सोहा अली खान को पक्षकार बनाया गया था।

हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को नए सिरे से सुनवाई के निर्देश दिए थे

करीब एक माह पहले हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को नए सिरे से सुनवाई के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट के सन 2000 के आदेश को दोषपूर्ण बताते हुए निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को सैफ अली के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।