
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: एसएलआर को अब तहसीलदार लिखा जाएगा। शासन की ओर से इसके आदेश जारी होने के बाद जिले में राजस्व प्रकरण फास्ट ट्रैक पर आ गए हैं। अब जिले में भू प्रबंधन और राजस्व प्रकरण निपटान अफसर एक ही होगा।
यानी तहसीलदार ही अब जमीन से जुड़े रेकॉर्ड को अपडेट करेंगे और जमीन से जुड़े मामलों की सुनवाई का फैसला भी वहीं देंगे। जिले में इस समय जमीन से जुड़े करीब एक हजार प्रकरण है, इनके फास्ट ट्रैक में निपटने की स्थिति बन रही है।
- राजस्व सेवाएं फास्ट ट्रैक होगी। यहां बड़ी संख्या में नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन के आवेदन आते हैं। एकीकरण से काम में लगने वाला समय कम होगा, क्योंकि अब एक ही अधिकारी रेकॉर्ड की जांच और अंतिम आदेश जारी करेगा। इससे नागरिक सेवाओं की डिलीवरी तेज होगी।
-भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन के तहत जमीन से जुड़े मामले जैसे सीमांकन, नामांतरण की जटिलता घटेगी। भू-अभिलेखों का प्रबंधन बहुत तेज और त्रुटिरहित हो जाएगा।
-एक एकीकृत कैडर को मास्टर प्लान के अनुसार भूमि उपयोग की बेहतर समझ होगी, जिससे अतिक्रमण हटाने और राजस्व भूमि के संरक्षण में अधिक सती आ सकेगी।
-जिले में मेट्रो समेत अन्य बड़ी विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण भूमि रेकॉर्ड की सटीकता और तेजी से होंगे।
शासन की ओर से एसएलआर को तहसीलदार का पदनाम देने के आदेश हुए हैं। इसके अनुसार व्यवस्था की जा रही है। आमजन को इससे लाभ मिलेगा।- कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
Published on:
27 Oct 2025 11:47 am
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