
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत नए शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में नए और प्रोग्रेसिव कोर्स शुरू होंगे। जो छात्रों के स्किल डेवलपमेंट में मदद करेंगे। इतना ही नहीं कौशल विकास के लिए विदेशी फैकल्टी का मार्गदर्शन भी छात्रों को मिलेगा। इसके लिए ट्रिपल आईटी और बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) ने कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू किया है।
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-बीयू के छात्र मैनिट और आइआइटी इंदौर से सीखेंगे स्टार्टअप के आईडिया
नए शैक्षणिक सत्र में बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को मैनिट एवं आइआइटी इंदौर का मार्गदर्शन मिल सकेगा। वे संस्थान से स्टार्टअप में भी मदद ले सकते हैं। साथ ही नए शैक्षणिक सत्र में विदेशी फैकल्टी का मार्गदर्शन भी छात्रों को मिल सकेगा। इसके लिए विवि ने संस्थानों से एमओयू किया है। इसी के साथ एआई सहित करीब आधा दर्जन नए कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं।
-आइटीआइ में ड्रोन टेक्नीशियन कोर्स
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) गोविंदपुरा में न्यू एज ट्रेड के तहत ड्रोन टेक्नीशियन, शिल्पकार प्रशिक्षण (सीटीसी) एवं ड्रोन पायलट जैसे कोर्स शुरू किए जाएंगे। छह महीने के इन कोर्स में 20 सीटें निर्धारित की गई है। इन कोर्स में जुलाई अगस्त में प्रवेश होंगे। संस्थान में यह कोर्स पहली बार शुरू किए जाएंगे।
-नए सत्र तक तैयार हो जाएगी मैनिट की 5जी लैबे
मैनिट में 5जी लैब स्थापित की जा रही है। इससे छात्रों को स्टार्टअप में भी मिलेगी मदद। इस लैब के बनने से मप्र ही नहीं देश के अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स भी यहां रसर्च कर सकेंगे। मैनिट डायरेक्टर केके शुक्ला ने बताया कि लैब का काम शुरू कर दिया गया है। यह काम नए शैक्षणिक सत्र तक पूरा हो जाएगा। संस्थान में 5जी लैब तैयार होने से न केवल टेक्निकल में बल्कि एग्रीकल्चर एवं मेडिकल के क्षेत्र में भी यहां रिसर्च संभव हो सकेगा।
-शुरू होंगे चार नए कोर्स, पार्ट-टाइम पाठ्यक्रमों का भी विकल्प
ट्रिपल आईटी में नए सत्र में एआई, मास्टर्स इन डेटा सांइस, साइबर-फिजिकल सिस्टम एवं मास्टर ऑफ कंप्यूटर सिस्टम जैसे नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। इन कोर्स की खासबात यह है कि इनमें कामकाजी लोग भी दाखिले ले सकेंगे। यह कोर्स पार्ट टाइम होंगे। संस्थान के निदेशक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि संस्थान में कंपनियों की डिमांड के अनुसार कोर्स भी अपडेट किया जा रहा है। सेकंड ईयर से ही छात्रों के छात्रों के कम्युनिकेशन स्किल पर फोकस किया जा रहा है। अगले सेमेस्टर में एप्टीट्यूट, रीजनिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग के बारे में पढ़ाया जा रहा है। कंपनियों की मांग के अनुसार छात्रों को कोडिंग भी सिखाई जा ही है।
इन कॉलेजों इंक्यूवेशन सेंटर शुरू हुए
-महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय कन्या महाविद्यालय।
-शासकीय सरोजनी नायडू कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय।
-शासकीय गीतांजलि कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय।
उच्च शिक्षा उत्कृष्ट संस्थान।
Published on:
04 Apr 2024 01:10 pm
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