
MP News: (फोटो: सोशल मीडिया)
MP News: रत्नागिरी तिराहा से आशाराम तिराहा तक अयोध्या बायपास सिक्सलेन प्रोजेक्ट में 8000 पेड़ों की बली को कोकता बायपास से बचाया जा सकता है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से इसकी संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। एक दूसरे के समानांतर गुजर रहे दोनों बायपास के बीच चार किमी का अंतर है। भोपाल बायपास को कोकता बायपास भी कहा जाता है और अब भी अपेक्षाकृत ट्रैफिक नहीं है। नेशनल हाइवे के अफसरों का भी मानना है कि यदि कोकता बायपास पर ट्रैफिक बढ़ाया जाए तो अयोध्या बायपास किनारे पेड़ों को बचाया जा सकता है। दरअसल कोकता के पास से गुजरने वाले बायपास को भोपाल के बाहर भारी वाहनों के लिए बनाया गया था, उसे ही मजबूत करके शुरू किया जाए तो अयोध्या बायपास के पेड़ कटने से बच सकते हैं।
यहां ठेका एजेंसी तय कर दी गई है। एजेंसी ने अपने प्लांट भी स्थापित कर दिए। एनएच को सिर्फ जगह खाली करना है, जिसके लिए पेड़ों की कटाई की जाएगी। एनजीटी के निर्देश के बाद केंद्रीय स्तर पर ही इसकी अनुमति हो सकती है। बीते सप्ताह इसे लेकर शासन की बैठक थी, लेकिन यहां भी मामला बना नहीं। ठेका एजेंसी का इसमें बड़ा खर्च हो रहा है। हर्जाना लेकर ठेका छोड़ने की चेतावनी दे दी गई है। ऐसेे में अब नए विकल्प की तलाश की जा रही है।
बायपास के प्रोजेक्ट महत्वूपर्ण है। जमीन निकालने के लिए प्रशासनिक अफसरों से कहा गया है। एनएच और एमपीआरडीसी से चर्चा की जा रही है। शासन स्तर से ही इसे लेकर निर्णय होगा।
कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
Published on:
20 Nov 2025 08:48 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
