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ट्रिपलआईटी के छात्रों ने बनाया आयुर्मिंत्रम एआई चैट बॉट, बताएगा एलर्जी एवं शरीर की प्रवृति

अधिकांश गंभीर बीमारियां लोगों के खाने के व्यवहार, विचारों और भावनाओं में गंभीर गड़बड़ी से जुड़ी होती हैं। शोध में पाया गया है कि उपचार में देरी करने से खान-पान संबंधी विकार वाले लोगों के लिए परिणाम खराब होते हैं। नतीजनन 20 प्रतिशत से भी कम लोगों को समय से बीमारी का पता चलने पर इलाज मिल पाता है।

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लेकिन अब लोग घर बैठे ही अपने शरीर की प्रवृति के बारे में जान सकेंगे। इसके लिए ट्रिपलआईटी के विद्यार्थियों ने आयुर्मित्रम नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट को डिजाइन किया है। जो आयुर्वेद के अनुसार मानव की प्रकृति को बताने में सक्षम है। छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार किए गए इस स्टार्टअप को केंद्रीय सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रव्यापी स्टार्टअप इंडिया हैकथॉन में सिलेक्ट किया गया है।
ट्रिपलआईटी के छात्र हर्ष जैन, मोहित खैरनार, सत्यम सागर, अक्षिता अग्रवाल, ओजस कुशवाहा और रजत कुमावत ने इस चैटबॉट को तैयार किया है। छात्रों ने बताया कि जल्द ही इस स्टार्टअप के पंजीकरण की प्रकिया शुरू की जाएगी। पंजीयन में बाद लोग इस ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकेंगे।
-एक करोड़ सालाना कमाई का अनुमान
छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए सरकार से एक लाख की राशि प्राप्त हुई है। इस चैटबॉट से भविष्य में आयुर्वेद दवाओं की डिमांड बढ़ेगी। इससे सालाना एक करोड़ की कमाई का अनुमान लगाया जा रहा है।
-मिलेगा श्रेष्ठ उपचार
इस स्टार्टअप से देश के करोड़ों लोगों जो आयुर्वेद पर विश्वास करते हैं उन्हें एक श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति से उपचार मिलेगा और एक स्वदेशी उद्योग की स्थापना होगी जिससे हमारी इकोनॉमी भी सुदृढ़ होगी और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी प्राप्त होगी।
दो माह में मिले 28 आइडिया
ई सेल के प्रभारी अजय श्रीवास्सव ने बताया कि छात्र-छात्राओं से स्टार्टअप के लिए आइडिया मांगे गए थे, दो माह लगभग 28 आइडिया छात्र-छात्राओं ने आइडिया सबमिट किए थे। इसमें से ऑल इंडिया लेवल पर 3 आइडिया का चयन हुआ है। तीनों स्टार्टअप को शुरू करने के लिए सरकार की अनुमति भी मिल गई है। इसमें आयुर्मिंत्रम एआई चैट बॉट भी शामिल है।
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छात्रों को स्ट्रार्टअप शुरू करने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगा। इसके लिए छात्रों से आइडिया जेनरेशन के माध्यम से प्रतियोगिता आयोजित कराकर चयनित आइडियाज पर प्रोत्साहन, मेंटरशिप और उद्योग स्थापना करने सहयोग प्रदान किया जाएगा। हमारा संस्थान आईटी तकनीकों का उपयोग कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान निकलने में छात्र को विशेष सहयोग प्रदान करेगा।
प्रो. आशुतोष कुमार सिंह, निदेशक, ट्रिपलआईटी