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Bijnor News: रक्षाबंधन की खुशियां मातम में बदली, बिजनौर में तीन भाइयों की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

Bijnor News In Hindi: यूपी के बिजनौर में रक्षाबंधन के दिन दर्दनाक हादसा हुआ। पंपिंग सेट ठीक करते समय कुएं में जहरीली गैस से दम घुटने से तीन भाइयों की मौत हो गई। खुशियों का त्योहार कुछ ही घंटों में मातम में बदल गया।

raksha bandhan tragedy three brothers die in well bijnor
Bijnor News: रक्षाबंधन की खुशियां मातम में बदली | Image Source - Social Media

Raksha Bandhan tragedy three brothers die in well Bijnor: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शिवालाकलां थाना क्षेत्र के गांव सरकथल में रक्षाबंधन के दिन एक ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। त्योहार की खुशियों के बीच तीन भाइयों की कुएं में जहरीली गैस से दम घुटने के कारण मौत हो गई। यह हादसा पंपिंग सेट ठीक करने के दौरान हुआ और महज कुछ घंटों में परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं।

बहनों का राखी बांधना बना आखिरी याद

हिमांशु (20) और कशिश (22) की कोई सगी बहन नहीं थी, लेकिन उनकी चचेरी बहनें सरिता और रूपा हर साल उन्हें राखी बांधती थीं। इस बार भी वे ससुराल से मायके आईं और भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के बाद वापस लौटने ही वाली थीं कि यह दर्दनाक घटना घट गई। छतरपाल (26) को भी उन्होंने राखी बांधी थी, लेकिन कुछ ही घंटों बाद तीनों भाई हमेशा के लिए दुनिया से चले गए।

जानें कैसे हुआ हादसा

रविवार सुबह करीब 11 बजे तीनों भाई गांव के पास स्थित ट्यूबवेल पर नहाने पहुंचे। यह कुआं पिछले 10 दिनों से बंद था और पानी से भरा हुआ था। पंपिंग सेट का पट्टा उतर जाने के कारण पहले छतरपाल कुएं में उतरे, लेकिन अंदर मौजूद जहरीली गैस से उनका दम घुट गया और वे पानी में गिर गए। उन्हें बाहर न आते देख कशिश और फिर हिमांशु भी कुएं में उतर गए, लेकिन तीनों वहीं फंस गए और बाहर नहीं निकल सके।

चेतन की बहादुरी, लेकिन बच न सकीं जानें

पास ही खेत में काम कर रहे एक अन्य भाई चेतन ने जब तीनों को न देखकर शोर मचाया तो गांववाले मौके पर पहुंचे। चेतन ने भीगा हुआ कपड़ा मुंह पर बांधकर कुएं में उतरने की कोशिश की और रस्सी की मदद से तीनों को बाहर निकाला। लेकिन छह फीट पानी से भरे कुएं से निकालकर सीएचसी पहुंचाने पर डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।

पहले भी झेल चुका है परिवार का दर्द

परिवार के मुखिया हरि सिंह बिजलीघर में संविदा पर काम करते हैं। वर्ष 2012 में उन्होंने अपने बड़े बेटे कपिल को बीमारी के चलते खो दिया था। अब रक्षाबंधन के अगले ही दिन दोनों छोटे बेटे हिमांशु और कशिश, और भतीजे छतरपाल की असमय मौत ने परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है।

अधूरी रह गईं खुशियां

कशिश दिल्ली में काम करता था और करीब डेढ़ महीने पहले उसकी सगाई हुई थी। शादी की तारीख तय हो चुकी थी और घर में तैयारियां चल रही थीं। हिमांशु गांव में रहकर खेती करता था और साथ ही बीएससी की पढ़ाई कर रहा था। छतरपाल की शादी चार साल पहले हुई थी, लेकिन संतान नहीं थी। उनके पिता धर्मवीर सिंह गांव के पूर्व ग्राम प्रधान रह चुके हैं।

प्रशासन ने दिया मदद का आश्वासन

हादसे की खबर मिलते ही चांदपुर के सीओ देशदीपक सिंह, थानाध्यक्ष राजीव शर्मा और नूरपुर थाना प्रभारी जयभगवान सिंह अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।