
किला देखने पहुंचे पर्यटक।
गुलाबी सर्दी ने दस्तक दी नहीं कि बीकानेर के धोरों और हवेलियों की रौनक बढ़ गई। देसी-विदेशी पर्यटक शहर की ऐतिहासिक गलियों और परंपरागत स्वाद का लुत्फ उठाने पहुंचने लगे हैं। जूनागढ़ किले के बाहर सुबह से ही पर्यटकों की बसें दिखने लगी हैं। पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि इस सीजन में पिछले साल की तुलना में अधिक पर्यटक बीकानेर आएंगे। पर्यटक केवल धोरों और हवेलियों तक ही सीमित नहीं, बल्कि यहां के स्वाद के भी दीवाने हैं। सुबह-सुबह की कचौड़ी-पकौड़ी से लेकर कैर-सांगरी की सब्जी और बाजरे की रोटी तक, हर जायका सैलानियों को बीकानेर से जोड़ कर रख रहा है।
बनाई विशेष टीमें
संयुक्त निदेशक अनिल राठौड़ ने बताया कि पर्यटकों की सुविधा के लिए विभाग ने विशेष टीम गठित की है। प्रमुख स्थलों पर निगरानी रखी जा रही है। तीन पर्यटक सूचना बूथ लगाने की योजना है और वेबसाइट पर नियमित अपडेट दिए जा रहे हैं।
धोरों से हवेलियों तक, हर कोनेे में दिख रहे सैलानी
अक्टूबर से फरवरी तक बीकानेर में पर्यटन का चरम रहता है। इस बार ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, स्पेन और इंग्लैंड से पर्यटक पहुंचे हैं। देसी सैलानियों में गुजरात, बंगाल और महाराष्ट्र से आने वालों की संख्या अधिक है। जूनागढ़ किला, उष्ट्र अनुसंधान केंद्र, जैन मंदिर, देशनोक का करणी माता मंदिर, रायसर और सागर की छतरियां प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं।
बीकानेर की परंपराएं देखने का उत्साह
पर्यटन गाइड एसोसिएशन अध्यक्ष आनंद व्यास के अनुसार, हल्की सर्दी के साथ ही इस बार पर्यटकों की संख्या में बूम देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, विदेशी सैलानियों की खास मांग रहती है कि उन्हें बीकानेर की परंपरागत कलाएं, हवेलियां और लोकसंस्कृति दिखाई जाए। शाम को धोरों पर कैमल सफारी और राजस्थानी व्यंजन उनका खास आकर्षण बने हुए हैं।
Published on:
29 Oct 2025 07:48 pm
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