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अब असुर​क्षित सरकारी भवनों का सर्वे, लगा रहे चेतावनी बोर्ड

शहर में दशकों पुराने दर्जनों मकान, इमारतें और हवेलियां है। जर्जर ​िस्थति में होने के कारण इनके कभी ढहने की आशंका बनी रहती है। बारिश के दौरान हर साल कुछ जर्जर मकान, इमारतें और हवेलियां ढह रही है। नगर निगम इनको नोटिस देने के साथ जर्जर इमारतों के खतरनाक हिस्सों को हटवाने की कार्यवाही भी करता है। अब सार्वजनिक निर्माण विभाग ने जर्जर और असुर​क्षित सरकारी भवनों का सर्वे प्रारंभ किया है।विभाग के एक्सईएन सिटी डिविजन के नेतृत्व में सरकारी भवनों का सर्वे चल रहा है। जिस सरकारी भवन को जर्जर और असुर​क्षित माना जा रहा है, जो वर्तमान में उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है, उन पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए जा रहे है कि यह भवन असुर​क्षित है, इससे दूरी बनाए रखें।

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बीकानेर. मानसून की बारिश और पुराने हो चुके सरकारी भवनों में से कई असुरक्षित की श्रेणी में पहुंच गए है। सार्वजनिक निर्माण विभाग अपने अधिकार क्षेत्र के सरकारी भवनों का सर्वे कर जो भवन असुरक्षित हो गए है, उन पर चेतावनी बोर्ड लगा रहा है। विभाग की ओर से ऐसे भवनों पर ‘ भवन का यह भाग असुरक्षित है, इसे उपयोग में न लेवें’ की सूचना चस्पा कर रहा है। सानिवि की ओर से भवनों के सर्वे कार्य की शुरूआत संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल पीबीएम से की जा रही है। सर्वे के दौरान ऐसे सरकारी भवनों का चिह्नीकरण किया जा रहा है, जो जर्जर अवस्था में है और वर्तमान में उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है।

लगा रहे चेतावनी बोर्ड

सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता सिटी डिविजन डॉ. विमल कुमार गहलोत के अनुसार राज्य सरकार के अनुसार जर्जर अवस्था में और असुरक्षित भवनों का सर्वे कर उन पर चेतावनी बोर्ड लगा रहे है। जिससे आमजन को ऐसे भवन से दूर रहने की जानकारी रहे और असमय होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके। सर्वे टीम में सहायक अभियंता विनोद तंवर ,कनिष्ठ अभियंता राजेश नैण व सदस्य शामिल है।

सूची संकलित, बजट की मांग

एक्सईएन सिटी डिविजन डॉ. गहलोत के अनुसार विभाग की ओर से ऐसे जर्जर भवनों की सूचना संकलित की गई है। मरमत योग्य भवनों के लिए विभाग से अतिरिक्त बजट की मांग की जा रही है। प्रथम चरण में पीबीएम व मेडिकल कॉलेज के भवनों का सर्वे कर कर नोटिस चस्पा किए गए हैं। साथ ही पीबीएम प्रशासन को भवन की छत को साफ करवाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।