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गांव की मेहनत अब बनेगी मिसालः ढींगसरी की बेटियों को खेल मैदान व हॉस्टल की मिल रही सौगात

अब गांव में लड़कियां, लड़कों से ज्यादा फुटबॉल खेल रही हैं और परिवार खुद उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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नोखा के ढींगसरी गांव में बेटियों के लिए तैयार किए गए चार खेल मैदान और गर्ल्स हॉस्टल का उद्घाटन 23 नवंबर को होगा। पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। भाजपा नेता महावीर रांका ने बताया कि कोच विक्रम सिंह राजवी के मार्गदर्शन और भामाशाहों के सहयोग से गांव में खेल की नई क्रांति आई है। आज ढींगसरी की बालिकाएं फुटबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी हैं। गांव की मुन्नी भांभू अंडर-17 राष्ट्रीय टीम की सदस्य है और अब उसे सीनियर वूमेन टीम के लिए भी चयन कॉल मिला है। अब गांव में लड़कियां, लड़कों से ज्यादा फुटबॉल खेल रही हैं और परिवार खुद उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं।

भामाशाहों ने बदली तस्वीर

ढींगसरी की बेटियों की नेशनल जीत के बाद देवी सिंह भाटी व सहयोगियों ने 17.83 लाख रुपए से मैदानों के कायाकल्प की शुरुआत की। नोखा निवासी सुभाष भूरा ने स्वयं के खर्चे से हॉस्टल बनवाया, वहीं महावीर रांका, बीकाजी ग्रुप के दीपक अग्रवाल सहित अन्य दानदाताओं ने तीन घास व एक बालूरेत मैदान, खेल सामग्री, ड्रेस और डाइट जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाईं।

ढींगसरी: अब गांव नहीं, खेलगांव

कुछ ही वर्षों में ढींगसरी गांव ने दिखाया है कि संसाधन नहीं, संघर्ष और सहयोग से भी बेटियां ऊंची उड़ान भर सकती हैं। अब यह गांव सिर्फ बीकानेर नहीं, बल्कि राजस्थान के लिए प्रेरणा केंद्र बन गया है।


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