
8 गोलीकांडों में देसी कट्टों का इस्तेमाल (फोटो सोर्स- पत्रिका)
CG News: बिलासपुर जिले में हथियारों की वैधता और अवैध कारोबार के बीच बड़ा अंतर सामने आया है। आंकड़ों के मुताबिक, जिले में 1068 लोगों के पास लाइसेंसी बंदूकें हैं, लेकिन पिछले दो दशकों में जिन गोलीकांडों से जानें गईं या दहशत फैली, उनमें अधिकतर में देसी कट्टा या अवैध पिस्टल का ही इस्तेमाल हुआ।
2004 से अब तक यानी बीते 20 सालों में जिले में कुल 8 चर्चित गोलीकांड हुए, इन वारदातों में लाइसेंसी हथियार की जगह अवैध हथियार का अधिक उपयोग हुआ है। इन मामलों में हत्या, रंजिश और आपसी विवाद में ज्यादातर कट्टा या देसी पिस्तौल से फायरिंग की गई। जबकि 2 से 3 आत्महत्या के मामलों में लोगों ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारी। इसमें 2012 में बिलासपुर एसपी रहे राहुल शर्मा ने खुदकुशी की थी। वहीं हाल ही में सितंबर माह में सरकंडा थाना क्षेत्र में बिल्डर चित्रसेन सिंह के 20 वर्षीय बेटे संस्कार सिंह ने लाइसेंसी 12 बोर बंदूक से खुद को गोली मार ली थी।
शहर और ग्रामीण इलाकों में देसी कट्टे और अवैध पिस्टल आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। ये हथियार उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश की सीमाओं से तस्करी कर लाए जाते हैं। बिलासपुर जिला एमपी-यूपी बार्डर के करीब ही है, दो-चार जिले बाद दूसरे प्रदेशों की सीमा है। ऐसे में अपराधी कट्टा व बंदूकें कुछ हजार रुपए में खरीद लेते हैं, जबकि पुलिस के हाथ अब तक सप्लायरों तक नहीं पहुंच पाए हैं।
4 अगस्त 2004: लालखदान रविकांत राय की गोली मारकर हत्या। आरोपी रंजन गर्ग ने शशि गर्ग और साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।
8 जून 2010: दयालबंद होटल इंटरसिटी में गुड्डा सोनकर और उसके जीजा ननका घोरे की गोली मारकर हत्या की गई।
19 सितंबर 2010: सरकंडा पत्रकार सुशील पाठक की गोली मारकर हत्या, अब तक आरोपी अज्ञात।
21 अप्रैल 2022: गोंड़पारा ज्वेलरी दुकान संचालक दीपक सोनी पर लूट के इरादे से फायरिंग की गई।
25 जनवरी 2022: उसलापुर सती श्री ज्वेलरी में डकैतों ने संचालक आलोक सोनी पर गोली चलाई।
10 अक्टूबर 2022: पचपेड़ी दुकान संचालक मंगतूराय की मामूली विवाद पर ग्राहक ने पिस्टल से हत्या कर दी।
14 दिसंबर 2022: सकरी हिस्ट्रीशीटर संजू त्रिपाठी की गोली मारकर हत्या, उसके भाई ने बाहर से शूटर बुलाया था।
29 दिसंबर 2022: लालखदान हिस्ट्रीशीटर बिल्लू श्रीवास उर्फ सुनील की संजय पांडेय ने गोली मारकर हत्या की।
कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी बताते हैं कि जिले में हर साल 10 से 15 लोगों को शिकार या सुरक्षा कारणों से लाइसेंस जारी किया जाता है, लेकिन अवैध हथियारों की पैठ कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है। जब तक हथियारों की आपूर्ति करने वाली जड़ों तक कार्रवाई नहीं होगी, तब तक अपराधों में पिस्टल व कट्टों की आवाज गूंजती रहेगी।
पिछले 6 माह में 4 पिस्टल, 3 कट्टे जब्त किए हैं। इसके अलावा पिछले साल 9 अवैध पिस्टल व कट्टों के साथ अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इससे बड़ी घटनाओं में रोक लगी है। वर्तमान में भी लगातार अभियान चलाकर पुलिस अपने सूचनातंत्रों का प्रयोग कर शहर में अवैध कट्टा व पिस्टल खरीदने-बेचने वालों की खोज कर रही है। ज्यादातर लोग रौब जमाने के लिए इसे खरीदते हैं। पुलिस अब इन पर नजर बनाए हुए हैं। - रजनेश सिंह, एसएसपी, बिलासपुर।
Published on:
03 Nov 2025 05:07 pm
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