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पांच छक्कों ने बदल दी रिंकू सिंह की जिंदगी, बोले- इंडिया ड्रेसिंग रूम का सपना पूरा… जानिए संघर्षों से भरी कहानी

Rinku Singh: IPL-2023 में लगातार पांच छक्के लगाकर रातोंरात सुर्खियों में आए रिंकू सिंह आज भारतीय क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद फिनिशरों में गिने जाते हैं। रिंकू सिंह कहते हैं मेरी सफलता के पीछे भी संघर्ष रहा है।

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क्रिकेटर रिंकू सिंह (फोटो सोर्स- पत्रिका)

क्रिकेटर रिंकू सिंह (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Rinku Singh: कोलकाता नाइट राइडर्स से आईपीएल और उत्तर प्रदेश टीम से रणजी खेलने वाले इंडियन क्रिकेटर रिंकू सिंह ब्राह्मण प्रीमियर लीग में शामिल होने बिलासपुर पहुंचे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि निचले लेवल से आने वाले हर खिलाड़ी को संघर्ष करना होता है। मैं भी संघर्ष कर इस मुकाम तक पहुंचा हूं।

मां और भाई का सपोर्ट

रिंकू सिंह ने कहा कि परिवार में मां ने मुझे ज्यादा सपोर्ट किया। पापा चाहते थे कि उनके साथ काम करूं। मम्मी के साथ भाई ने भी सपोर्ट किया।

एंजॉयमेंट के लिए खेलते पहुंचे शीर्ष पर

रिंकू सिंह ने बताया कि इंडियन टीम में खेलने का सपना नहीं देखा था। क्रिकेट एंजॉयमेंट के लिए खेलना शुरू किया था। फिर क्रिकेट अच्छा लगा तो मेहनत करते रहे और जैसे-जैसे खेलने को मिला मौका तो आगे बढ़ते रहे। 2012 में अंडर 16 खेला तब से सारी चीजें चालू हो गई और सपने देखने शुरू कर दिए कि इंडिया के लिए खेलना है। अब वह सारी चीज पूरी हो गई और सपना भी पूरा हो गया। इंडिया के ड्रेसिंग रूम में बैठने के फिलिंग के बारे में रिंकू सिंह ने कहा कि हर खिलाड़ी का सपना होता है, इंडिया खेलना और बड़े-बड़े खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना। बड़ा मजा आता है, ड्रेसिंग रूम शेयर करने में।

राजनीति का पता नहीं क्रिकेट पर फोकस

सपा की सांसद से सगाई होने पर क्रिकेट के मैदान से राजनीति के पिच पर जाने के संबंध में कहा कि मेरा सिर्फ क्रिकेट में फोकस है। शादी की डेट फिक्स होते ही सभी को पता चल जाएगा।

5 गेंदों में 5 छक्कों को बताया जीवन बदलने वाला

पांच गेंदों में पांच छक्कों के बारे में रिंकू सिंह ने बताया कि उस समय दिमाग में चल रहा था कि उतनी अच्छी बैटिंग हो नहीं रही है, क्योंकि बल्ले पर बॉल नहीं लग रही थी। 14 बॉल में सिर्फ 8 रन बने थे। मुझे यह भी नहीं पता था कि पांच बालों में 28 रन चाहिए। परेशान था। फिर मैंने पहले और दूसरे के बाद तीसरा छक्का मारा फिर स्कोर बोर्ड देखा। तब दिखा कि 2 बाल में 10 रन चाहिए, तब 2 छक्के का सोचा और हो गया। इसके बाद लाइफ चेंज हो गई।