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कैंसर से हुई थी विवेक ओबेरॉय की पहली गर्लफ्रेंड की मौत, सालों बाद छलका एक्टर का दर्द

Vivek Oberoi: विवेक ओबेरॉय ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिसे कोई नहीं जानता था। उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर कहा- “जब दिल टूटता है, तो इंसान बिखर जरूर जाता है। लेकिन जरूरी है कि फिर से जीना और महसूस करना सीखा जाए। मैंने अपनी पहली मोहब्बत को खोया है…

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मुंबई

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Saurabh Mall

Sep 27, 2025

Vivek Oberoi Photo

विवेक ओबेरॉय की फोटो। (फोटो सोर्स: IMDb)

Vivek Oberoi Love Story: बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय की जिंदगी में कई मुश्किल दौर आए। उतार-चढ़ाव से भरी जिंदगी के बारे में खुलकर बात करते हुए एक्टर ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया है।

प्रखर गुप्ता के यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए विवेक ने बताया कि किस तरह उन्होंने अपनी बचपन की मोहब्बत को बेहद कम उम्र में खो दिया था। उस वक्त विवेक 18 साल के थे और उनकी गर्लफ्रेंड सिर्फ 17 साल की। ब्लड कैंसर से जूझ रही वह उनकी आंखों के सामने इस दुनिया से चली गई।

उस दर्दनाक लम्हे को याद करते हुए विवेक ने कहा, “जब दिल टूटता है, तो इंसान बिखर जरूर जाता है, लेकिन जरूरी है कि फिर से जीना और महसूस करना सीखा जाए। मैंने अपनी पहली मोहब्बत को खोया, और उस अनुभव ने मुझे जिंदगी की असलियत समझा दी।”

13 साल की उम्र में प्यार हो गया था…

विवेक ओबेरॉय ने अपनी पहली मोहब्बत की यादें ताजा करते हुए बताया कि जब वह सिर्फ 13 साल के थे, तभी उन्हें प्यार हो गया था। उन्हें पूरा यकीन था कि वह बड़े होकर उसी लड़की से शादी करेंगे। उन्होंने सपने देखे थे पहले शादी फिर बच्चे और पूरी जिंदगी साथ बिताने का। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जनवरी में उसे ब्लड कैंसर का पता चला और मार्च तक वह दुनिया छोड़ के चली गई।

विवेक ने कहा कि इस हादसे ने उन्हें तोड़ के रख दिया था। उन्होंने बताया, “मैं हमेशा से बहुत इमोशनल इंसान रहा हूं। मुझे दोबारा दिल टूटने का डर इसलिए सताता है, क्योंकि मैं जानता हूँ कि वह दर्द कैसा होता है। जब भी मेरा दिल टूटता है, मैं खुद को सबसे दूर कर लेता हूं। उस वक्त मुझे बहुत अकेलापन घेर लेता है। जबकि असल में, यह मेरा स्वभाव ही नहीं है। जब आप अपने नेचर के खिलाफ जाते हैं, तो वैसा ही लगता है जैसे मछली पानी से बाहर आ गई हो।”

इससे पहले उन्होंने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि वो मेरे सपनों की लड़की थी। मैं उसे फोन करने की कोशिश करता रहा, लेकिन वो फोन नहीं उठा रही थी। उसने पहले बताया था कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है, और मुझे लगा कि बस बुखार है। जब मैं उससे या उसके परिवार से संपर्क नहीं कर पाया, तो मैंने उसके कजिन को फोन किया, जिसने बताया कि वो अस्पताल में है। मुझे बाद में पता चला कि वह ‘एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया’ के आखिरी चरण में है।