A.R. Rahman Tune Case: शास्त्रीय गायक उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर और मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर ए.आर. रहमान (A.R. Rahman) के बीच चल रहा ‘धुन चोरी’ (कॉपीराइट) विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने महत्वपूर्ण फैसला सुना दिया है। जी हां ये फैसला ए.आर. रहमान के हक में गया है। इससे पहले सिंगल जज द्वारा जारी किया गया अंतरिम रोक आदेश अब दो जजों की बेंच ने रद्द कर दिया है साथ ही 2 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश भी टाल दिया गया है।
यह विवाद जूनियर डागर ब्रदर्स की शास्त्रीय रचना 'शिव स्तुति' के कथित उपयोग को लेकर शुरू हुआ था। शास्त्रीय गायक ने रहमान (A.R. Rahman) के गीत की धुन को हूबहू नकल बताया था और अपील दायर की थी। अपने दावे में उन्होंने ये कहा था कि 'वीरा राजा वीरा' गाना उनकी पारिवारिक शास्त्रीय रचना 'शिव स्तुति' की कॉपी है। यह रचना जूनियर डागर ब्रदर्स द्वारा 1970 के दशक में बनाई गई थी और उनके निधन के बाद इसका कॉपीराइट परिवार को मिला है। डागर परिवार का कहना था कि गाने के संगीत में उनके पूर्वजों की रचना का बिना अनुमति उपयोग किया गया और इसका श्रेय भी नहीं दिया गया। हालांकि ए.आर. रहमान और निर्माताओं ने इसे पूरी तरह मौलिक और स्वतंत्र कृति बताया था।
इसे पहले एकल न्यायाधीश ने रहमान (A.R. Rahman) और फिल्म निर्माता मद्रास टॉकीज व लाइका प्रोडक्शंस को आदेश दिया था कि वे विवादित गाने को लेकर 2 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करें और साथ ही गाने के क्रेडिट में दिवंगत उस्ताद नासिर फैयाजुद्दीन डागर और नासिर जहीरुद्दीन डागर का नाम जरूर दें।
इस फैसले को रहमान (A.R. Rahman) ने चुनौती दी थी। अब दो जजों की बेंच ने उस आदेश को खारिज कर दिया है। कोर्ट (Delhi High Court) ने साफ कहा कि विवादित आदेश को आगे लागू नहीं किया जाएगा। यानी फिलहाल रहमान और निर्माताओं को दो करोड़ रुपये जमा करने की बाध्यता से राहत मिल गई है। बता दें भारत में शास्त्रीय संगीत की रचनाओं का संरक्षण कॉपीराइट कानून के अंतर्गत आता है।
Published on:
24 Sept 2025 01:42 pm