
'देवदास' का गाना "डोला रे डोला" ( सोर्स: X)
Dola Re Song: फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की आइकॉनिक फिल्म 'देवदास' का गाना "डोला रे डोला" अपनी दमदार डांस सीक्वेंस और माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय की जबरदस्त केमिस्ट्री के लिए हमेशा याद किया जाता है। दरअसल, स्क्रीन पर जो जादू और खूबसूरती दिखी, वो पर्दे के पीछे एक बड़ी हिम्मत और समर्पण की कहानी बयां करती है।
इस गाने को कोरियोग्राफ करने वाली फेमस कोरियोग्राफर, सरोज खान ने इसकी पूरी शूटिंग के दौरान हुए असहनीय शारीरिक दर्द झेलने के बाद, कैसे उन्होंने अपने करियर की सबसे यादगार कोरियोग्राफी में से एक दी, जिसके लिए उन्हें 17 अवॉर्ड मिले। इसका खुलासा संजय लीला भंसाली ने किया है।
निर्देशक संजय लीला भंसाली ने द क्विंट के मुताबिक खुलासा कर बताया, " डोला रे डोला" गाने की शूटिंग के दौरान सरोज खान बहुत बीमार थीं। उनकी हालत इतनी खराब थी कि उन्हें अक्सर शॉट्स के बीच में फर्श पर लेटना पड़ता था। भंसाली ने आगे कहा, 'जब हम शूटिंग कर रहे थे, तो सरोज जी बहुत बीमार थीं। उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन वो फर्श पर लेटकर लगातार इंस्ट्रक्शन देती थीं।
उन्होंने 15 दिनों तक शूटिंग की और अपनी शारीरिक मुश्किलों के बाद भी सरोज खान की क्रिएटीवी में कभी कमी नहीं आई। दरअसल, इतनी खूबसूरती से गाने को कोरियोग्राफ किया कि लास्ट सीक्वेंस कहीं से भी मुश्किल नहीं लगा। साथ ही, इस गाने ने उन्हें रिकॉर्ड तोड़ 17 अवॉर्ड दिलाए और 'देवदास' की सबसे बड़ी हाइलाइट्स में से एक बन गया था।'
इतना ही नहीं, सरोज खान के लिए ये सिर्फ एक गाना नहीं था। उन्होंने गाने "डोला रे डोला" को अपनी जिंदगी की सबसे मुश्किल कोरियोग्राफी बताया और गर्व से इसे कहा था। सरोज खान को इस बात का एहसास था कि दुनिया माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय बच्चन की स्टेप-बाय-स्टेप परफॉर्मेंस की कंपेयर करने वाली है। इसलिए, उन्हें ऐसे मूवमेंट बनाने थे जो दोनों को एक साथ चमका सकें और कोई किसी से भी कम ना लगे।
संजय लीला भंसाली ने सरोज खान के एक डर का भी खुलासा किया और कहा, सरोज को दोनों के फिल्मी करियर को लेके डर था कि हो सकता है, इस गाने के बाद से दोनों में से कोई एक दब ना जाए, इसलिए उन्होंने दोनों की खूबियों को बखूबी समझा और उनके तैयारी के तरीके भी अलग थे। माधुरी सेट पर आने से पहले कई दिनों तक रिहर्सल करती थीं, जबकि ऐश्वर्या लोकेशन पर ही प्रैक्टिस करना पसंद करती थीं। सरोज ने अपनी खूबियों को ध्यान, सब्र और पूरी आर्टिस्टिक क्लैरिटी के साथ बैलेंस किया और फिर एक ऐसा मास्टरपीस बनाया जो आज भी क्लासिक के तौर पर लोगों को याद है।
इतने सालों में, सरोज खान का बॉलीवुड पर गहरा असर रहा है। भंसाली ने बताया कि उन्होंने कोरियोग्राफी को वो स्टारडम दिलाया, जो सलीम-जावेद ने लेखन को दिलाया था। बता दें कि 3 बार नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली इस फेमस कोरियोग्राफर का 2020 में 71 साल की उम्र में निधन हो गया, जो काफी दुखद था। सरोज खान ने सफलता पाने के लिए दर्द से जूझते हुए भी ऐसा जादू किया जो दर्शकों को आज भी बांधे रखता है और ये बताता है कि बेहतरीन बॉलीवुड में कोरियोग्राफी कैसी दिखती है।
Updated on:
23 Nov 2025 03:07 pm
Published on:
23 Nov 2025 02:18 pm
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